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उदयपुर का परिचय
इस लेख मे हम आपको विदेशी पर्यटकों का स्वर्ग: उदयपुर जो की अपने मनमोहक झीलों के लिए जाना जाता है के बारे मे विस्तार से जानकारी देंगे।
एक राजसी अतीत की कहानी
राजस्थान, वीरता और रंगों की धरती, अपने भव्य किलों, राजसी महलों और आश्चर्यजनक परिदृश्यों के लिए जाना जाता है। लेकिन इस रेगिस्तानी राज्य के बीचों बीच स्थित एक ऐसा रत्न है, जो मानो किसी परी कथा से निकलकर साकार हुआ हो – उदयपुर.
सूर्यवंशी राजपूत वंश का गौरव
मेवाड़ राजवंश की राजधानी के रूप में विख्यात, उदयपुर की स्थापना 1559 ईस्वी में महाराजा उदय सिंह द्वितीय द्वारा की गई थी। माना जाता है कि महाराणा प्रताप, जिन्होंने मुगलों के खिलाफ वीरतापूर्वक संघर्ष किया था, इसी वंश से संबंध रखते थे.
शहर का नामकरण
अपने संस्थापक के नाम पर रखा गया, उदयपुर को “पूर्वी वेनिस” या “लेक सिटी” के नाम से भी जाना जाता है। यह उपाधि इसके 17 प्राकृतिक और मानव निर्मित झीलों के कारण मिली है, जो शहर के परिदृश्य में एक जादुई स्पर्श जोड़ते हैं.
उदयपुर की भव्यता – झीलों का जाल उदयपुर की 17 मनमोहक झीलें
पिछोला झील
पिछोला झील, उदयपुर की जीवन रेखा है। यह शहर के केंद्र में स्थित सबसे बड़ी और सबसे प्रसिद्ध झील है। जगमगाते महलों, राजसी घाटों और रोमांटिक द्वीपों से घिरी यह झील मानो किसी चित्र से निकलकर साकार हुई हो.
जग निवास (Jag Niwas) – लेक पैलेस
पिछोला झील के बीचों बीच स्थित जग निवास महल, जिसे अब लेक पैलेस के नाम से जाना जाता है, विश्व के सबसे रोमांटिक होटलों में से एक है। यह सफेद संगमरमर का महल मुगल स्थापत्य कला का एक उत्कृष्ट उदाहरण है और शाम के समय झील के जल में तैरता हुआ नज़ारा अविस्मरणीय होता है.
जग मंदिर
पिछोला झील पर स्थित एक अन्य द्वीप पर जग मंदिर है, जिसे 17वीं शताब्दी में महाराणा जगत सिंह द्वारा बनवाया गया था। यह शाही कार्यक्रमों और समारोहों के लिए इस्तेमाल किया जाता था। अब इसे एक लक्जरी होटल में बदल दिया गया है.
शहर का दिल: लेक पिछोला के घाट
पिछोला झील के किनारे बने घाट, उदयपुर के सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व को दर्शाते हैं। इनमें से कुछ प्रमुख घाट हैं:
- बागोर की हवेली: 18वीं शताब्दी की यह हवेली अब एक संग्रहालय में परिवर्तित हो चुकी है।
- लेक पैलेस के सामने का घाट: यह घाट सरोवर तीर्थ के नाम से जाना जाता है और सूर्योदय के दर्शन के लिए प्रसिद्ध है।
- गंगौर घाट: इस घाट का निर्माण महाराणा संग्राम सिंह द्वितीय द्वारा करवाया गया था। हर साल यहां गंगौर का मेला लगता है।
फतेह सागर झील
पिछोला झील के उत्तर में स्थित फतेह सागर झील, उदयपुर की दूसरी सबसे बड़ी झील है। इसका निर्माण 1678 ईस्वी में महाराणा जगत सिंह द्वितीय द्वारा करवाया गया था। झील के बीचों बीच एक सुंदर नेहरू उद्यान है, जहां आप बोटिंग, हॉर्स राइडिंग और केबल कार की सवारी का आनंद ले सकते हैं.
फतेह सागर झील के आकर्षण
- नेहरू उद्यान (Nehru Park): यह उद्यान झील के बीचों बीच स्थित एक हरा-भरा द्वीप है। यहां आप संगमरमर के हाथियों की मूर्तियां, एक तारामंडल और एक रेस्टोरेंट देख सकते हैं।
- प्रताप स्मारक (Pratap Memorial): यह स्मारक महाराणा प्रताप को समर्पित है, जिन्होंने मुगल बादशाह अकबर के खिलाफ वीरतापूर्वक संघर्ष किया था।
- सौर वेधशाला (Solar Observatory): भारत की पहली सौर वेधशालाओं में से एक, फतेह सागर झील के किनारे स्थित है। 1971 में स्थापित, यह वेधशाला अब एक विज्ञान संग्रहालय के रूप में कार्य करती है।
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स्वरूप सागर झील
फतेह सागर झील के पूर्व में स्थित स्वरूप सागर झील का निर्माण 18वीं शताब्दी में महाराणा स्वरूप सिंह द्वारा करवाया गया था। यह झील अपने शांत वातावरण और आसपास के हरे भरे बगीचों के लिए जानी जाती है.
स्वरूप सागर झील के आसपास घूमने के लिए स्थान
- धूप-छाँव Haveli (Dhoop-Chhaon Haveli): यह 18वीं शताब्दी की हवेली झील के किनारे स्थित है। इसकी खासियत यह है कि इसे इस तरह से डिजाइन किया गया है कि आधी हवेली हमेशा सूरज की रोशनी में रहती है, जबकि बाकी आधी हमेशा छाँव में रहती है।
- राजस्थानी लोक कला संग्रहालय (Rajasthani Folk Art Museum): इस संग्रहालय में आप राजस्थान की समृद्ध लोक कला और संस्कृति को दर्शाती वस्तुएं देख सकते हैं।
गोयंद घाट झील
पिछोला झील के दक्षिण में स्थित गोयंद घाट झील, एक छोटी लेकिन सुंदर झील है। यह झील अपने शांत वातावरण और मंदिरों के लिए जानी जाती है।
गोयंद घाट झील के मंदिर
- जगदीश मंदिर (Jagdish Temple): यह 1651 ईस्वी में महाराणा जगत सिंह द्वारा बनवाया गया विष्णु मंदिर है। मंदिर की काले ग्रेनाइट से बनी बाहरी दीवारों पर जटिल नक्काशी देखने लायक है।
- बासदी माता मंदिर (Badi Mata Temple): यह मंदिर देवी दुर्गा को समर्पित है। माना जाता है कि यह मंदिर उदयपुर शहर की रक्षा करता है।
अन्य मनमोहक झीलें
उदयपुर में पिछोला झील, फतेह सागर झील और स्वरूप सागर झील के अलावा भी कई छोटी-बड़ी झीलें हैं, जो शहर के आकर्षण को बढ़ाती हैं। इनमें से कुछ प्रमुख झीलें हैं:
- बदल महल झील (Badi Mahal Lake): यह झील सिटी पैलेस के पीछे स्थित है।
- अरेंड झील (Arhad Lake): यह झील उदयपुर के बाहरी इलाके में स्थित है। माना जाता है कि इस झील के जल में औषधीय गुण हैं।
- धवन झील (Dhan Tal Lake): यह झील सहेलियों की बाड़ी के पास स्थित है।
- जयसमंद झील (Jaismund Lake) उदयपुर से 48 किलोमीटर दूर स्थित जयसमंद झील, एशिया की दूसरी सबसे बड़ी कृत्रिम झील है। इसका निर्माण 1684 ईस्वी में महाराणा जय सिंह द्वारा करवाया गया था।
उदयपुर के राजसी महल और किले
सिटी पैलेस
उदयपुर के इतिहास और वास्तुकला का गौरवशाली प्रतीक, सिटी पैलेस शहर के केंद्र में स्थित एक विशाल महल परिसर है। इस महल का निर्माण 1559 ईस्वी में शुरू हुआ था और कई शताब्दियों तक विभिन्न महाराणाओं द्वारा इसका विस्तार किया जाता रहा।
सिटी पैलेस के आकर्षण
- दरबार हॉल (Durbar Hall): यह विशाल हॉल राज्य दरबारों और समारोहों के लिए इस्तेमाल किया जाता था। इसकी दीवारों पर जटिल नक्काशी और मीनाकारी का काम देखने लायक है।
- मोती महल (Moti Mahal): संगमरमर से निर्मित यह सुंदर महल रानियों के निवास के लिए बनाया गया था।
- कृष्ण विलास (Krishna Vilas): यह महल अपने शानदार दर्पणों और भित्ति चित्रों के लिए जाना जाता है।
- सहेलियों की बाड़ी (Saheliyon ki Bari): सिटी पैलेस के पास स्थित यह उद्यान 17वीं शताब्दी में महाराणा संग्राम सिंह द्वितीय द्वारा उनकी रानियों और सहेलियों के मनोरंजन के लिए बनवाया गया था। इस बगीचे में फूलों की क्यारियां, फव्वारे और मंडप हैं।
मेहरानगढ़ दुर्ग
उदयपुर शहर के ऊपर एक चट्टान पर स्थित मेहरानगढ़ दुर्ग, अपनी भव्यता और अजेयता के लिए जाना जाता है। इस दुर्ग का निर्माण 1459 ईस्वी में महाराणा मेवाड़ द्वारा करवाया गया था। दुर्ग की ऊंची दीवारें और सात विशाल दरवाजे दुश्मनों के लिए एक दुर्गम बाधा थे।
मेहरानगढ़ दुर्ग के आकर्षण
- दरबार हॉल (Durbar Hall): यह हॉल शाही दरबारों और समारोहों के लिए इस्तेमाल किया जाता था।
- शीश महल (Sheesh Mahal): यह महल हजारों छोटे शीशों से सजा हुआ है, जो सूर्य की रोशनी में जगमगा उठता है।
- दौलत खाना (Daulat Khana): यह महल शाही खजाने के लिए इस्तेमाल किया जाता था।
- चौबीस खम्भा छतरी (Chaubis Khamba Chhatri): यह महाराणा राणा सिंह की याद में बनाया गया एक स्मारक है।
अन्य ऐतिहासिक स्थल
उदयपुर में सिटी पैलेस, जग मंदिर और मेहरानगढ़ दुर्ग के अलावा भी कई ऐतिहासिक स्थल हैं, जो शहर के समृद्ध इतिहास की झलक दिखाते हैं। इनमें से कुछ प्रमुख स्थल हैं:
सास बहू मंदिर (Saas Bahu Temple): 16वीं शताब्दी में निर्मित यह जैन मंदिर अपनी शानदार मूर्तिकला और वास्तुकला के लिए जाना जाता है।
बागोर की हवेली (Bagore Ki Haveli): 18वीं शताब्दी की यह हवेली अब एक संग्रहालय में परिवर्तित हो चुकी है। यहां आप राजस्थानी कलाकृतियों, हथियारों और वस्त्रों का संग्रह देख सकते हैं।
जगतपुरा (Jagatpura): उदयपुर से 21 किलोमीटर दूर स्थित जगतपुरा, एक ऐतिहासिक शहर है। यहां आप 16वीं शताब्दी के किले और मंदिर देख सकते हैं।
उदयपुर में कला और संस्कृति
राजस्थानी लोक कला
उदयपुर राजस्थान की समृद्ध लोक कला और संस्कृति का केंद्र है। यहां घूमने के दौरान आपको हर जगह इन कलाओं की झलक देखने को मिलेगी। इनमें से कुछ प्रमुख कला रूप हैं:
- महरानी चित्रकला (Mewar Painting): यह एक विशिष्ट शैली की चित्रकला है, जिसमें जटिल डिजाइन और जीवंत रंगों का प्रयोग किया जाता है।
- पिंगलवारा शैली (Pichwai Painting): यह शैली कृष्ण भगवान के चित्रों के लिए जानी जाती है।
- मिनाकारी का काम (Meenakari Work): इस कला में धातु की सतह पर रंगीन मीनाकारी का काम किया जाता है।
- कठपुतली का नाटक (Puppet Show): राजस्थान में कठपुतली का नाटक एक लोकप्रिय मनोरंजन का माध्यम है। उदयपुर में आप पारंपरिक कठपुतली शो देख सकते हैं।
त्योहारों का जश्न
उदयपुर में साल भर विभिन्न त्योहारों का आयोजन किया जाता है, जो शहर की जीवंत संस्कृति को दर्शाते हैं। इनमें से कुछ प्रमुख त्योहार हैं:
- शेखावाटी महोत्सव: यह फरवरी में आयोजित होने वाला तीन दिवसीय लोक कला उत्सव है।
- उदयपुर विश्व संगीत महोत्सव : यह मार्च में आयोजित होने वाला अंतरराष्ट्रीय संगीत उत्सव है, जिसमें दुनिया भर के कलाकार अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करते हैं।
- हरियाली अमावस्या : यह जुलाई-अगस्त में पड़ने वाला त्योहार है, जिसमें पेड़-पौधे लगाने और पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया जाता है।
- दीपावली: उदयपुर में दीपावली का त्योहार बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। पूरे शहर को दीपों से जगमगा दिया जाता है।
स्थानीय भोजन
उदयपुर की यात्रा अधूरी है बिना यहां के स्वादिष्ट व्यंजनों के लुत्फ उठाए। राजस्थानी व्यंजन मसालेदार और स्वादिष्ट होते हैं। यहां आपको दाल बाटी चूरमा, लाप्पसी, सब्जी का माड़िया, घेवर जैसी कई स्वादिष्ट चीजें खाने को मिलेंगी।
विदेशी पर्यटकों के लिए स्वर्ग
रोमांटिक पलायन
उदयपुर की खूबसूरत झीलें, भव्य महल और शांत वातावरण इसे रोमांटिक पलायन के लिए एक आदर्श स्थान बनाते हैं। यहां आप अपने साथी के साथ झील पर नौका विहार कर सकते हैं, महलों की सैर कर सकते हैं या किसी रोमांटिक रेस्टोरेंट में डिनर का आनंद ले सकते हैं।
सांस्कृतिक अनुभव
विदेशी पर्यटकों के लिए उदयपुर एक समृद्ध सांस्कृतिक अनुभव प्रदान करता है। यहां घूमने के दौरान आप राजस्थानी लोक कला और संस्कृति को करीब से देख सकते हैं। आप लोक कला प्रदर्शनियों में जा सकते हैं, कठपुतली का नाटक देख सकते हैं, या स्थानीय कारीगरों से मिलकर उनकी कला के बारे में जान सकते हैं।
खरीदारी का आनंद
उदयपुर विदेशी पर्यटकों के लिए खरीदारी का स्वर्ग है। यहां आपको राजस्थानी हस्तशिल्प, मिनाकारी का काम किया हुआ सामान, रंगीन कपड़े, और ज्वेलरी की एक विस्तृत श्रृंखला मिल जाएगी।
हस्तशिल्प बाजार
उदयपुर में कई हस्तशिल्प बाजार हैं, जहां आप खरीदारी का भरपूर आनंद ले सकते हैं। इनमें से कुछ प्रमुख बाजार हैं:
- हथियापोल बाजार (Hathi Pol Bazaar): यह बाजार उदयपुर के सबसे पुराने बाजारों में से एक है। यहां आपको हस्तशिल्प, मूर्तियां, पेंटिंग और कपड़े मिल जाएंगे।
- सहेलियों की बाड़ी के पास का बाजार (Saheliyon ki Bari Bazaar): इस बाजार में आपको राजस्थानी कपड़े, ज्वेलरी और सजावटी सामान मिलेंगे।
- बड़ा बाजार (Bada Bazaar): यह बाजार दैनिक उपयोग की वस्तुओं के लिए जाना जाता है। यहां आपको मसाले, खाने का सामान और घरेलू सामान मिल जाएंगे।
रोमांचक गतिविधियां
उदयपुर सिर्फ इतिहास और संस्कृति के लिए ही नहीं जाना जाता, बल्कि यहां आप रोमांचक गतिविधियों का भी आनंद ले सकते हैं। इनमें से कुछ प्रमुख गतिविधियां हैं:
- हॉट एयर बैलूनिंग (Hot Air Ballooning): आप सुबह के समय झीलों के ऊपर हॉट एयर बैलून की सवारी कर सकते हैं और उदयपुर के मनमोहक दृश्यों का आनंद ले सकते हैं।
- जीप सफारी (Jeep Safari): उदयपुर के आसपास के ग्रामीण इलाकों की सैर के लिए आप जीप सफारी का चुनाव कर सकते हैं। इस दौरान आपको राजस्थानी गांवों की संस्कृति और प्राकृतिक सौंदर्य देखने का मौका मिलेगा।
- ट्रेकिंग (Trekking): उदयपुर के आसपास कई खूबसूरत पहाड़ियां हैं, जहां आप ट्रैकिंग का आनंद ले सकते हैं। अरावली पहाड़ियों की ट्रैकिंग का अनुभव अविस्मरणीय होता है।
लक्जरी आवास
विदेशी पर्यटकों के लिए उदयपुर में लक्जरी आवास की कोई कमी नहीं है। यहां आपको झील के किनारे स्थित शानदार होटलों से लेकर विरासत होटलों तक, हर तरह के आवास मिल जाएंगे। इन होटलों में आपको विश्व स्तरीय सुविधाएं और राजस्थानी आतिथ्य का अनुभव मिलेगा।
सुलभ पहुँच
उदयपुर हवाई मार्ग, रेल मार्ग और सड़क मार्ग से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। विदेशी पर्यटक आसानी से उदयपुर तक पहुंच सकते हैं। शहर के अंदर भी घूमने के लिए कैब, ऑटोरिक्शा और रिक्शा जैसी सुविधाएं उपलब्ध हैं।
सुरक्षा
उदयपुर एक सुरक्षित शहर माना जाता है। यहां घूमने के दौरान आपको किसी तरह की चिंता करने की आवश्यकता नहीं है। फिर भी, यात्रा के दौरान सामान्य सावधानी बरतना जरूरी होता है।
निष्कर्ष
उदयपुर, अपनी 17 मनमोहक झीलों, भव्य महलों, समृद्ध संस्कृति और रोमांचक गतिविधियों के साथ, विदेशी पर्यटकों के लिए सचमुच एक स्वर्ग है। यहां घूमने के दौरान आपको इतिहास, संस्कृति, रोमांस, रोमांच और आराम का एक अनूठा मिश्रण देखने को मिलेगा। राजस्थान की रंगीन संस्कृति का अनुभव करने और भारत की खूबसूरती को करीब से जानने के लिए उदयपुर से बेहतर कोई स्थान नहीं हो सकता।
उदयपुर को “लेक सिटी” क्यों कहा जाता है?
उदयपुर को “लेक सिटी” इसलिए कहा जाता है क्योंकि इसमें 17 प्राकृतिक और मानव निर्मित झीलें हैं। ये झीलें शहर के परिदृश्य में एक खास आकर्षण जोड़ती हैं और पर्यटकों को अपनी ओर खींचती हैं।
उदयपुर की सबसे बड़ी झील कौन सी है?
उदयपुर की सबसे बड़ी झील पिछोला झील है। यह जग निवास महल (लेक पैलेस) और जग मंदिर जैसे प्रसिद्ध स्थलों के लिए जानी जाती है।
उदयपुर में घूमने में कितना समय लगता है?
उदयपुर में घूमने में लगने वाला समय आपकी यात्रा की योजना पर निर्भर करता है। मुख्य आकर्षणों को देखने के लिए 2-3 दिन काफी हो सकते हैं, लेकिन अगर आप गहराई से अनुभव लेना चाहते हैं तो एक हफ्ता भी कम पड़ सकता है।
उदयपुर में क्या-क्या खास चीजें देखने को मिलती हैं?
उदयपुर में घूमने के लिए कई खास चीजें हैं, जिनमें सिटी पैलेस, मेहरानगढ़ दुर्ग, पिछोला झील, फतेह सागर झील, जग निवास (लेक पैलेस), जग मंदिर, सहेलियों की बाड़ी, हस्तशिल्प बाजार आदि शामिल हैं।
उदयपुर में क्या खाने को मिलता है?
उदयपुर में आपको राजस्थानी व्यंजनों का स्वाद लेने का मौका मिलेगा। दाल बाटी चूरमा, लाप्पसी, सब्जी का माड़िया, घेवर जैसी स्वादिष्ट चीजें जरूर ट्राई करें।
क्या उदयपुर में विदेशी पर्यटकों के लिए कोई विशेष सुविधाएं हैं?
हां, उदयपुर में विदेशी पर्यटकों के लिए कई विशेष सुविधाएं हैं, जैसे अंतरराष्ट्रीय स्तर के होटल, अंग्रेजी बोलने वाले गाइड, विदेशी मुद्रा विनिमय कार्यालय आदि।
उदयपुर में घूमने के लिए कोई विशेष पास या टिकट की आवश्यकता होती है?
कुछ खास जगहों को छोड़कर, उदयपुर घूमने के लिए किसी विशेष पास की जरूरत नहीं है। सिटी पैलेस, मेहरानगढ़ दुर्ग, जग निवास महल (लेक पैलेस) आदि प्रसिद्ध स्थलों पर प्रवेश के लिए अलग-अलग टिकट लेने होते हैं।
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