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चंडीगढ़ का रॉक गार्डन: कचरे से निर्मित कला का अजूबा

Table of Contents

चंडीगढ़ का रॉक गार्डन:परिचय

कल्पना कीजिए आप टूटी हुई चूड़ियों,मगों, और टूटी हुई ईंटों से बने महलों और मंदिरों के बीच घूम रहे हैं। अविश्वसनीय लगता है,लेकिन चंडीगढ़ का रॉक गार्डन, जिसे नेक चंद सायनी के रॉक गार्डन के नाम से भी जाना जाता है,यह वास्तविकता है, एक अनूठा कलात्मक कृति है जो कचरे से निर्मित है। यह मूर्तिकला उद्यान न केवल भारत में बल्कि दुनिया भर में कला प्रेमियों और पर्यटकों को अपनी ओर खींचता है।

रॉक गार्डन का इतिहास

चंडीगढ़ का रॉक गार्डन के पीछे की कहानी उतनी ही अनोखी है जितना खुद ये उद्यान। 1957 में, नेक चंद सायनी, जो उस समय चंडीगढ़ प्रशासन में एक सड़क निरीक्षक के रूप में कार्यरत थे, ने अपने खाली समय में गुप्त रूप से इस उद्यान का निर्माण शुरू किया। उनका सपना सुखरनी नामक दिव्य राज्य का निर्माण करना था।

नेक चंद सायनी: एक दूरदृष्टि कलाकार

नेक चंद सायनी औपचारिक रूप से प्रशिक्षित कलाकार नहीं थे। उनका जन्म 1924 में बहावलपुर (अब पाकिस्तान) में हुआ था और बाद में वे भारत आ गए। कला के प्रति उनके जुनून ने उन्हें कचरे से कलाकृतियों को बनाने की प्रेरणा दी। वह शहर के विभिन्न हिस्सों से टूटी हुई वस्तुओं को इकट्ठा करते थे, जैसे टूटी हुई चूड़ियां, टूटे हुए मग, टूटी हुई टाइलें, टूटी हुई बोतलें, और उन्हें अपनी कलाकृतियों में शामिल करते थे।

गुप्त निर्माण कार्य

नेक चंद सायनी को पता था कि उनके पास इस उद्यान के निर्माण के लिए सरकारी अनुमति नहीं है। इसलिए, उन्होंने रात में और अपने खाली समय में चुपके से इस पर काम किया। वह जंगल के एक हिस्से में, सुखना झील के पास, कचरे से मूर्तियों और संरचनाओं का निर्माण करते थे।

उद्यान का अनावरण

लगभग 18 वर्षों तक गुप्त रूप से काम करने के बाद, 1975 में रॉक गार्डन का अनावरण हुआ। जब अधिकारियों को इस अनधिकृत निर्माण के बारे में पता चला, तो इसे ध्वस्त करने की धमकी दी गई। लेकिन उद्यान की विशिष्टता और नेक चंद सायनी की कड़ी मेहनत को देखते हुए, अधिकारियों ने इसे बचाने का फैसला किया। रॉक गार्डन को आधिकारिक रूप से मान्यता दी गई और नेक चंद को इसे विकसित करने के लिए सरकारी सहायता प्रदान की गई।

चंडीगढ़ का रॉक गार्डन: कचरे से निर्मित कला का अजूबा

चंडीगढ़ का रॉक गार्डन की अनोखी दुनिया

विभिन्न प्रकार की मूर्तियां

चंडीगढ़ का रॉक गार्डन में हजारों मूर्तियां हैं, जिनमें से प्रत्येक अद्वितीय और आकर्षक है। ये मूर्तियां जानवरों, पक्षियों, मनुष्यों, देवी-देवताओं और यहां तक ​​कि काल्पनिक जीवों को दर्शाती हैं।

प्राणी जगत

रॉक गार्डन में आप शेरों, हाथियों, हिरणों, मगरमच्छों, सांपों और मछलियों जैसी जंगली जीवों की मूर्तियों को देख सकते हैं। ये मूर्तियां इतनी यथार्थवादी हैं कि ऐसा लगता है कि वे अभी जंगल से निकली हैं।

पक्षी विहार

पक्षी प्रेमियों के लिए भी रॉक गार्डन में बहुत कुछ है। रंगीन तोते, मोर, बगुले, और गौरैया जैसी विभिन्न प्रजातियों के पक्षियों की मूर्तियां पूरे बगीचे में बिखरी हुई हैं।

पौराणिक कथाओं का चित्रण

रॉक गार्डन में हिंदू धर्म की पौराणिक कथाओं से प्रेरित कई मूर्तियां भी हैं। आप भगवान शिव, गणेश, हनुमान और अन्य देवी-देवताओं की आकर्षक मूर्तियों को देख सकते हैं।

काल्पनिक दुनिया

नेक चंद सायनी की कल्पना का दायरा सिर्फ वास्तविक दुनिया तक सीमित नहीं था। उन्होंने कई काल्पनिक जीवों की मूर्तियां भी बनाईं, जिनमें बहु-सिर वाले जीव और ड्रैगन शामिल हैं। ये मूर्तियां बच्चों को खासतौर पर आकर्षित करती हैं।

वास्तु की चमत्कारिक कृतियां

रॉक गार्डन में मूर्तियों के अलावा, कई अद्भुत वास्तुशिल्प कृतियां भी हैं। इनमें झरने, पुल, महलनुमा संरचनाएं और यहां तक ​​कि गुफाएं भी शामिल हैं।

झरनों का संगीत

रॉक गार्डन में कृत्रिम झरने पूरे वातावरण को शांत और सुखदायक बनाते हैं। पानी का गिरना और बहना एक मंत्रमुग्ध कर देने वाला दृश्य है।

चंडीगढ़ का रॉक गार्डन कचरे से निर्मित कला का अजूबा
पुलों का जाल

रॉक गार्डन में विभिन्न आकारों और आकारों के कई पुल हैं। ये पुल न केवल उद्यान के विभिन्न हिस्सों को जोड़ते हैं बल्कि सौंदर्य की दृष्टि से भी मनमोहक हैं।

महलनुमा संरचनाएं

रॉक गार्डन में कई महलनुमा संरचनाएं हैं जो टूटी हुई चूड़ियों और टाइलों से सजी हुई हैं। ये संरचनाएं आपको एक काल्पनिक दुनिया में ले जाती हैं।

रहस्यमयी गुफाएं

रॉक गार्डन में कई गुफाएं भी हैं जो कचरे से बनी हैं। ये गुफाएं रोमांच और रहस्य का माहौल बनाती हैं।

रॉक गार्डन की यात्रा की योजना बनाना

रॉक गार्डन तक कैसे पहुंचे

चंडीगढ़ एक प्रमुख शहर है और अच्छी तरह से सड़क, रेल और हवाई संपर्क से जुड़ा हुआ है।

हवाई मार्ग

चंडीगढ़ में अपना खुद का हवाई अड्डा है, जो शहर के केंद्र से लगभग 12 किलोमीटर दूर स्थित है। हवाई अड्डे से आप टैक्सी या ऑटोरिक्शा लेकर रॉक गार्डन तक पहुंच सकते हैं।

रेल मार्ग

चंडीगढ़ रेलवे स्टेशन शहर के केंद्र में स्थित है। रेलवे स्टेशन से आप टैक्सी या ऑटोरिक्शा लेकर रॉक गार्डन तक पहुंच सकते हैं।

सड़क मार्ग

चंडीगढ़ राष्ट्रीय राजमार्गों द्वारा अन्य शहरों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। आप बस या टैक्सी लेकर रॉक गार्डन तक पहुंच सकते हैं।

चंडीगढ़ का रॉक गार्डन कचरे से निर्मित कला का अजूबा

चंडीगढ़ का रॉक गार्डन घूमने का सबसे अच्छा समय

चंडीगढ़ में गर्मी का मौसम काफी गर्म होता है, इसलिए रॉक गार्डन घूमने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मार्च के बीच का होता है। इस दौरान मौसम सुहावना रहता है और घूमने में आनंद आता है।

खुलने का समय और प्रवेश शुल्क

रॉक गार्डन आमतौर पर सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे (अक्टूबर से मार्च) या शाम 7 बजे (अप्रैल से सितंबर) तक खुला रहता है। प्रवेश शुल्क भारतीय नागरिकों के लिए बहुत कम है और विदेशी पर्यटकों के लिए थोड़ा अधिक है।

रॉक गार्डन घूमने में कितना समय लगता है?

रॉक गार्डन काफी बड़ा है और इसके सभी कोनों को देखने में आपको 2 से 3 घंटे लग सकते हैं।

रॉक गार्डन के आसपास क्या करें?

रॉक गार्दन के पास घूमने के लिए कई अन्य स्थान भी हैं।

सुखना झील

रॉक गार्डन के ठीक बगल में सुखना झील है। आप झील के किनारे नौका विहार का आनंद ले सकते हैं या पिकनिक मना सकते हैं।

चंडीगढ़ संग्रहालय और कला दीर्घा

चंडीगढ़ संग्रहालय और कला दीर्घा कला और इतिहास प्रेमियों के लिए एक बेहतरीन जगह है। यहां आप प्राचीन कलाकृतियों, मूर्तियों और चित्रों का संग्रह देख सकते हैं।

रोज गार्डन

चंडीगढ़ को “रोज गार्डन सिटी” के रूप में भी जाना जाता है। रॉक गार्डन से कुछ ही दूरी पर स्थित रोज गार्डन एशिया का सबसे बड़ा रोज गार्डन है। यहां आप विभिन्न प्रकार के गुलाबों के खूबसूरत दृश्यों का आनंद ले सकते हैं।

रॉक गार्डन घूमने के लिए सुझाव

  • आरामदायक जूते पहनकर जाएं क्योंकि आपको काफी चलना पड़ सकता है।
  • पानी की बोतल साथ ले जाएं।
  • धूप का चश्मा और टोपी पहनें, खासकर गर्मियों में।
  • कैमरा साथ ले जाएं ताकि आप इस अनोखी जगह की तस्वीरें ले सकें।
  • प्लास्टिक की थैलियां या खाने का सामान ना ले जाएं।
  • रॉक गार्डन के परिसर को साफ रखें।

Table 1: चंडीगढ़ का रॉक गार्डन घूमने की महत्वपूर्ण जानकारी

जानकारीविवरण
पताकैपिटल कॉम्प्लेक्स, सेक्टर 1, चंडीगढ़
खुलने का समयअक्टूबर से मार्च: सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे। अप्रैल से सितंबर: सुबह 9 बजे से शाम 7 बजे।
प्रवेश शुल्कभारतीय नागरिक: ₹20
विदेशी पर्यटक₹50
घूमने का समय2-3 घंटे
पास के आकर्षणसुखना झील, चंडीगढ़ संग्रहालय और कला दीर्घा, रोज गार्डन

निष्कर्ष

चंडीगढ़ का रॉक गार्डन कला और कल्पना का एक अद्भुत संगम है। यह उद्यान न केवल नेक चंद सायनी की रचनात्मक प्रतिभा का प्रमाण है, बल्कि कचरे के पुनर्चक्रण का एक प्रेरणादायक उदाहरण भी है। रॉक गार्डन की यात्रा आपको एक ऐसी दुनिया में ले जाती है जहां टूटी हुई वस्तुएं नया जीवन पाती हैं और कला में बदल जाती हैं। यह जगह बच्चों और वयस्कों दोनों के लिए एक अविस्मरणीय अनुभव प्रदान करती है।

यदि आप कभी चंडीगढ़ जाते हैं, तो रॉक गार्डन को देखना न भूलें। यह अनोखी जगह आपको कला, प्रकृति और रचनात्मकता के महत्व के बारे में एक नया दृष्टिकोण देगी।

अतिरिक्त संसाधन:

  • चंडीगढ़ पर्यटन विभाग की आधिकारिक वेबसाइट: https://chandigarhtourism.gov.in/
  • रॉक गार्डन के बारे में वृत्तचित्र (यदि उपलब्ध हो)

आपको यह लेख कैसा लगा? नीचे कमेंट में अपनी राय जरूर दें!

चंडीगढ़ का रॉक गार्डन को किसने बनाया?

रॉक गार्डन को नेक चंद सैनी नाम के एक सरकारी अधिकारी ने बनाया था। इसे “नेक चंद का रॉक गार्डन” के नाम से भी जाना जाता है।

चंडीगढ़ का रॉक गार्डन किस चीज से बना है?

यह बगीचा टूटी हुई चूड़ियों, टूटे हुए चीनी मिट्टी के बर्तनों, टूटी कांच की वस्तुओं, टाइलों और औद्योगिक कचरे जैसी चीजों से बनाया गया है।

रॉक गार्डन घूमने का क्या शुल्क है?

वयस्कों के लिए प्रवेश शुल्क ₹30 है और बच्चों के लिए ₹10 है।

चंडीगढ़ का रॉक गार्डन घूमने का सबसे अच्छा समय कौन सा है?

रॉक गार्डन घूमने का सबसे अच्छा समय सुबह का समय होता है, जब मौसम सुहावना होता है। आप सर्दियों में शाम 6 बजे तक और गर्मियों में शाम 7 बजे तक घूमने जा सकते हैं।

चंडीगढ़ का रॉक गार्डन कितना बड़ा है?

यह रॉक गार्डन लगभग 40 एकड़ में फैला हुआ है।

चंडीगढ़ का रॉक गार्डन को बनाने में कितना समय लगा?

नेक चंद ने 18 सालों तक अपने खाली समय में इस गार्डन को बनाया था।

क्या चंडीगढ़ का रॉक गार्डन को बनाने की अनुमति थी?

नहीं, शुरूआत में नेक चंद ने गुप्त रूप से इस गार्डन को बनाया था। बाद में अधिकारियों को पता चला, तो उन्होंने इसे गिराने का फैसला किया था, लेकिन बाद में इसकी खूबसूरती को देखते हुए इसे सार्वजनिक उद्यान बनाने का फैसला किया गया।

चंडीगढ़ का रॉक गार्डन को किस साल जनता के लिए खोला गया?

रॉक गार्डन को साल 1976 में जनता के लिए खोला गया था।

क्या चंडीगढ़ का रॉक गार्डन में फोटोग्राफी की अनुमति है?

जी हाँ, रॉक गार्डन में फोटोग्राफी की अनुमति है, लेकिन पेशेवर फोटोग्राफी के लिए अनुमति लेनी पड़ती है।

क्या चंडीगढ़ का रॉक गार्डन में खाने-पीने की चीजें मिलती हैं?

नहीं, रॉक गार्डन के अंदर खाने-पीने की चीजें मिलती नहीं है। लेकिन, बाहर गेट के पास कुछ छोटी दुकानें हैं जहाँ आप नाश्ता कर सकते हैं।

क्या चंडीगढ़ का रॉक गार्डन के पास कोई और घूमने की जगह है?

हां, रॉक गार्डन के बिलकुल पास ही सुखना झील है, जहां आप बोटिंग कर सकते हैं या पिकनिक मना सकते हैं।

रॉक गार्डन तक कैसे पहुंचा जा सकता है?

आप रिक्शे, ऑटो या कैब लेकर रॉक गार्डन पहुंच सकते हैं। इसके अलावा, चंडीगढ़ में अच्छी बस सेवा भी है।

क्या रॉक गार्डन में पार्किंग की सुविधा है?

हां, रॉक गार्डन के पास ही गाड़ियों की पार्किंग के लिए जगह है।

क्या रॉक गार्डन में बच्चों के लिए भी टिकट लगता है?

हां, 5 साल से अधिक उम्र के बच्चों के लिए भी टिकट लेना आवश्यक है।

क्या ऑनलाइन टिकट बुकिंग उपलब्ध है?

नहीं, फिलहाल रॉक गार्डन के लिए ऑनलाइन टिकट बुकिंग उपलब्ध नहीं है। टिकट सीधे प्रवेश द्वार पर ही मिलते हैं।

क्या रॉक गार्डन के अंदर कोई खाने-पीने की सुविधा है?

रॉक गार्डन के अंदर कोई रेस्तरां या कैफे नहीं है। हालाँकि, बाहर गेट के पास कुछ छोटी दुकानें हैं जहाँ आप स्नैक्स और पानी खरीद सकते हैं।

क्या रॉक गार्डन के पास कोई पार्किंग शुल्क है?

हां, रॉक गार्डन के पास वाहन पार्किंग के लिए शुल्क लगता है। दोपहिया वाहनों के लिए यह लगभग 10 रुपये और चार पहिया वाहनों के लिए 30 रुपये तक हो सकता है।

रॉक गार्डन घूमने में कितना समय लगता है?

रॉक गार्डन घूमने में लगने वाला समय इस बात पर निर्भर करता है कि आप कितनी गहराई से घूमना चाहते हैं। आमतौर पर इसे अच्छी तरह से देखने में 1 से 2 घंटे का समय लग सकता है।

क्या रॉक गार्डन सोमवार को बंद रहता है?

नहीं, रॉक गार्डन सप्ताह के सभी दिनों में खुला रहता है।

क्या रॉक गार्डन के आसपास कोई निःशुल्क पार्किंग क्षेत्र उपलब्ध हैं?

रॉक गार्डन के ठीक पास तो निःशुल्क पार्किंग की व्यवस्था नहीं है, लेकिन सड़क के किनारे थोड़ी दूर चलकर आप निःशुल्क पार्किंग का प्रयास कर सकते हैं। हालाँकि, वहां गाड़ी की सुरक्षा की कोई गारंटी नहीं होती है।

क्या रॉक गार्डन के अंदर शौचालय की सुविधा उपलब्ध है?

हां, रॉक गार्डन परिसर के अंदर पुरुषों और महिलाओं के लिए अलग-अलग शौचालय की सुविधा उपलब्ध है।

क्या रॉक गार्डन में सामान रखने के लिए लॉकर की सुविधा भविष्य में उपलब्ध कराई जाएगी?

रॉक गार्डन प्रशासन की भविष्य की योजनाओं के बारे में सटीक जानकारी देना मुश्किल है। आप इस बारे में अधिक जानकारी के लिए रॉक गार्डन प्रशासन से सीधे संपर्क कर सकते हैं।

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मेरा नाम शबनम टंडन है। मैं शिक्षा, स्वास्थ्य, और सामाजिक मुद्दों, महिलाओं और बच्चों से संबंधित मुद्दों पर लेख लिखती हूँ। इसके अलावा, मैं विभिन्न विषयों पर आधारित लेख भी लिखती हूँ।मैं अपने लेखन के माध्यम से लोगों को शिक्षित करना, प्रेरित करना और उन्हें महत्वपूर्ण मुद्दों के बारे में जागरूक करना चाहती हूँ।

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