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आज हम आपको ऋषिकेश से बद्रीनाथ यात्रा के रास्ते में 10 अद्भुत पड़ाव के बारे में विस्तार से बताते हैं, जिन्हें आप अपनी यात्रा कार्यक्रम में जरूर शामिल करें। साथ ही, हम आपको यह भी बताएंगे कि इन स्थानों पर घूमने-फिरने के लिए क्या-क्या किया जा सकता है।
बद्रीनाथ यात्रा के रास्ते में 10 अद्भुत पड़ाव का प्रवेश द्वार : ऋषिकेश
हमारी यात्रा का प्रारंभ होता है ऋषिकेश से, जिसे योग और आध्यात्म की विश्व-पयर्टन स्थल के रूप में जाना जाता है. गंगा नदी के तट पर बसा यह शहर न सिर्फ हिंदू धर्म के प्रमुख धार्मिक स्थलों का केंद्र है, बल्कि यहां आपको आंतरिक शांति और आत्मिक जागरण का अनुभव भी प्राप्त होगा.
यदि आपकी यात्रा कुछ दिन पहले से ही शुरू हो रही है, तो ऋषिकेश में कुछ समय व्यतीत करना निश्चित रूप से लाभदायक होगा. यहां आप प्राचीन मंदिरों के दर्शन कर सकते हैं, ध्यान और योगाभ्यास में भाग ले सकते हैं, या फिर गंगा आरती में शामिल होकर आध्यात्मिक वातावरण का आनंद उठा सकते हैं.
ऋषिकेश में दर्शनीय स्थल
त्रिवेणी घाट
गंगा नदी के किनारे स्थित यह घाट ऋषिकेश का हृदय स्थल माना जाता है. यहां प्रतिदिन होने वाली आरती का नजारा देखना अविस्मरणीय होता है.
लक्ष्मण झूला और राम झूला
गंगा नदी पर बने ये दो ( suspension bridges) ऋषिकेश के प्रमुख आकर्षण हैं। इन झूलों से आप नदी के मनोरम दृश्य का आनंद ले सकते हैं।
दर्शनीय स्थल | विवरण |
त्रिवेणी घाट (Triveni Ghat) | गंगा नदी के संगम पर स्थित |
परमार्थ निकेतन (Parmarth Niketan) | स्वामी चिदानंद सरस्वती द्वारा स्थापित आश्रम |
गीता भवन (Gita Bhavan) | हिंदू धर्म के पवित्र ग्रंथ गीता को समर्पित |
लक्ष्मण झूला (Laxman Jhula) | गंगा नदी पर बना हुआ निलंबन पुल |
राम झूला (Ram Jhula) | गंगा नदी पर बना हुआ एक अन्य निलंबन पुल |
ऋषिकेश में ठहरने के लिए कई तरह के होटल, गेस्टहाउस और आश्रम उपलब्ध हैं। आप अपनी यात्रा के बजट और जरूरतों के अनुसार इनमें से कोई भी विकल्प चुन सकते हैं।
ऋषिकेश में ठहरने के विकल्प:
श्रेणी | विकल्प | सुविधाएं | मूल्य |
बजट होटल | Zostel Rishikesh (Laxman Jhula & Tapovan) | डॉर्मिटरी और निजी कमरे, वाई-फाई, कैफे, कॉमन लाउंज | ₹500-₹1500 प्रति रात |
Hotel Aroma Rishikesh | कमरे, वाई-फाई, रेस्टोरेंट, पार्किंग | ₹1000-₹2000 प्रति रात | |
Hotel Ganga Rishikesh | कमरे, वाई-फाई, रेस्टोरेंट, रूफटॉप टैरेस | ₹1500-₹3000 प्रति रात | |
मध्यम श्रेणी के होटल | The Pavillion | कमरे, वाई-फाई, रेस्टोरेंट, स्पा, स्विमिंग पूल | ₹3000-₹5000 प्रति रात |
Radisson Blu Hotel Rishikesh | कमरे, वाई-फाई, रेस्टोरेंट, स्पा, फिटनेस सेंटर | ₹4000-₹6000 प्रति रात | |
Sterling Hotel Rishikesh | कमरे, वाई-फाई, रेस्टोरेंट, स्पा, स्विमिंग पूल | ₹5000-₹7000 प्रति रात | |
लक्जरी होटल | Ananda Spa Resort | विला, वाई-फाई, रेस्टोरेंट, स्पा, आयुर्वेदिक उपचार | ₹10,000-₹20,000 प्रति रात |
The Oberoi Vanyavilas | विला, वाई-फाई, रेस्टोरेंट, स्पा, स्विमिंग पूल | ₹15,000-₹30,000 प्रति रात | |
Taj Rishikesh | कमरे, वाई-फाई, रेस्टोरेंट, स्पा, स्विमिंग पूल | ₹20,000-₹40,000 प्रति रात | |
आश्रम | Parmarth Niketan Ashram | आवास, भोजन, योग कक्षाएं, ध्यान सत्र | दान आधारित |
Sivananda Ashram | आवास, भोजन, योग कक्षाएं, ध्यान सत्र | दान आधारित | |
Divine Life Society | आवास, भोजन, योग कक्षाएं, ध्यान सत्र | दान आधारित |
अब जब आप आध्यात्मिक ऊर्जा से भरपूर हो चुके हैं, तो आइए आगे बढ़ते हैं बद्रीनाथ की ओर. ऋषिकेश से बद्रीना राष्ट्रीय राजमार्ग (NH 108) के रास्ते लगभग 294 किलोमीटर की दूरी तय करनी होती है. यह सड़क मार्ग आपको उत्तराखंड के मनोरम दृश्यों से रूबरू कराएगा.
देवप्रयाग: अलकनंदा और मंदाकिनी का संगम
ऋषिकेश से लगभग 60 किलोमीटर की दूरी पर स्थित देवप्रयाग वह स्थान है, जहाँ अलकनंदा और मंदाकिनी नदियों का संगम होता है. माना जाता है कि यहीं पर भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था. इस पवित्र संगम का नजारा मनमोहक होता है.
देवप्रयाग में दर्शनीय स्थल
संगम घाट:
अलकनंदा और मंदाकिनी नदियों के संगम स्थल पर स्थित यह घाट पूजा-अनुष्ठान के लिए प्रसिद्ध है. यहां आप आरती का नजारा देख सकते हैं और पवित्र जल का स्पर्श प्राप्त कर सकते हैं.
व्यास गुफा :
किंवदंतियों के अनुसार, महर्षि वेद व्यास को यहीं पर वेदों का ज्ञान प्राप्त हुआ था. इस गुफा में भगवान शिव की एक मूर्ति भी स्थापित है.
दचाणी देवी मंदिर :
माता सती के 51 शक्तिपीठों में से एक माना जाता है यह मंदिर. मंदिर परिसर से हिमालय का मनोरम दृश्य दिखाई देता है.
देवप्रयाग में ठहरने के विकल्प:
श्रेणी | विकल्प | सुविधाएं | मूल्य (प्रति रात) | वेबसाइट |
बजट होटल | Hotel Dev Prayag | कमरे, वाई-फाई, रेस्टोरेंट | ₹800-₹1500 | https://www.makemytrip.com/hotels/devaprayag-hotels.html |
Hotel Ganga Rishikesh | कमरे, वाई-फाई, रेस्टोरेंट | ₹1000-₹2000 | https://www.tripadvisor.com/Hotel_Review-g580106-d1178820-Reviews-Ganga_Resort_Tourist_Complex-Rishikesh_Dehradun_District_Uttarakhand.html | |
Guesthouse Rishikesh | कमरे, साझा बाथरूम, वाई-फाई | ₹500-₹800 | https://www.booking.com/guest-house/city/in/rishikesh.en-gb.html | |
मध्यम श्रेणी के होटल | Hotel Devprayag Regency | कमरे, वाई-फाई, रेस्टोरेंट, स्पा | ₹2500-₹4000 | https://www.makemytrip.com/hotels/devaprayag-hotels.html |
Hotel Madhuban | कमरे, वाई-फाई, रेस्टोरेंट, पार्किंग | ₹2000-₹3500 | https://www.tripadvisor.com/Hotel_Review-g297687-d299520-Reviews-Hotel_Madhuban-Dehradun_Dehradun_District_Uttarakhand.html | |
Hotel Ganga Park | कमरे, वाई-फाई, रेस्टोरेंट, गंगा नदी का दृश्य | ₹3000-₹5000 | https://www.makemytrip.com/hotels/hotel_dev_ganga-details-haridwar.html | |
लक्जरी होटल | The Ananda Spa Resort | विला, वाई-फाई, रेस्टोरेंट, स्पा, आयुर्वेदिक उपचार | ₹12,000-₹25,000 | https://www.anandaspa.com/ |
Taj Rishikesh | कमरे, वाई-फाई, रेस्टोरेंट, स्पा, स्विमिंग पूल | ₹20,000-₹40,000 | https://www.tajhotels.com/en-in/hotels/taj-rishikesh | |
The Oberoi Vanyavilas | विला, वाई-फाई, रेस्टोरेंट, स्पा, स्विमिंग पूल | ₹15,000-₹30,000 | https://www.oberoihotels.com/hotels-in-ranthambhore-vanyavilas-resort/ | |
आश्रम | Parmarth Niketan Ashram | आवास, भोजन, योग कक्षाएं, ध्यान सत्र | दान आधारित | http://parmarth.com/ |
Sivananda Ashram | आवास, भोजन, योग कक्षाएं, ध्यान सत्र | दान आधारित | https://sivananda.org/locations/ashrams/ | |
Divine Life Society | आवास, भोजन, योग कक्षाएं, ध्यान सत्र | दान आधारित | https://www.dlshq.org/ |
देवप्रयाग में आप कुछ देर रुककर मंदिरों के दर्शन कर सकते हैं, नदी के किनारे बैठकर शांति का अनुभव कर सकते हैं, या फिर स्थानीय बाजार से स्मृति चिन्ह खरीद सकते हैं.
श्रीनगर
देवप्रयाग से आगे बढ़ते हुए लगभग 33 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है श्रीनगर. यह शहर हिमालय की तलहटी में बसा हुआ है और प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर है.
श्रीनगर में दर्शनीय स्थल
नंदा देवी मंदिर :
हिमालय की प्रमुख देवी माता नंदा देवी को समर्पित यह मंदिर अपनी खूबसूरती के लिए जाना जाता है. मंदिर परिसर से बर्फ से ढके पहाड़ों का नजारा लुभावना होता है.
पंचकेदार तीर्थ :
केदारनाथ धाम के प्रतीकात्मक रूप से पांच मंदिरों का समूह यहां स्थित है. ये मंदिर भगवान शिव को समर्पित हैं.
धारी देवी मंदिर, श्रीनगर :
धारी देवी मंदिर श्रीनगर से लगभग 18 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। आप यहां टैक्सी, बस या निजी वाहन से पहुंच सकते हैं। मंदिर तक पहुंचने के लिए आपको एक छोटी सी चढ़ाई भी करनी पड़ सकती है।
मंदिर में दर्शन का समय (Temple Visit Timing):धारी देवी मंदिर सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक खुला रहता है।मंदिर में दर्शन के लिए शुल्क (Temple Visit Charges):धारी देवी मंदिर में दर्शन के लिए कोई शुल्क नहीं है।
श्रीनगर में आप प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद लेने के साथ-साथ धार्मिक स्थलों के दर्शन भी कर सकते हैं. थोड़े से विश्राम के बाद हमारी यात्रा आगे बढ़ेगी रुद्रप्रयाग की ओर.
श्रीनगर, उत्तराखंड में ठहरने के लिए होटल और गेस्टहाउस:
श्रेणी | विकल्प | सुविधाएं | मूल्य (प्रति रात) |
बजट होटल | होटल रघुनाथ | कमरे, वाई-फाई, रेस्टोरेंट | ₹800-₹1500 |
होटल शिव गंगा | कमरे, वाई-फाई, रेस्टोरेंट | ₹1000-₹2000 | |
गंगा व्यू गेस्ट हाउस | कमरे, साझा बाथरूम, वाई-फाई | ₹500-₹800 | |
होटल गंगोत्री | कमरे, वाई-फाई, रेस्टोरेंट | ₹1200-₹2500 | |
होटल गंगा सिटी | कमरे, वाई-फाई, रेस्टोरेंट | ₹1500-₹3000 | |
मध्यम श्रेणी के होटल | होटल गंगा प्राइड | कमरे, वाई-फाई, रेस्टोरेंट, गंगा नदी का दृश्य | ₹2000-₹4000 |
होटल कृष्णा | कमरे, वाई-फाई, रेस्टोरेंट | ₹1800-₹3500 | |
होटल मधुबन | कमरे, वाई-फाई, रेस्टोरेंट, पार्किंग | ₹2500-₹5000 | |
होटल शिव शक्ति | कमरे, वाई-फाई, रेस्टोरेंट | ₹2200-₹4500 | |
लक्जरी होटल | द रिट्रीट | विला, वाई-फाई, रेस्टोरेंट, स्पा, स्विमिंग पूल | ₹8000-₹15,000 |
होटल गंगा व्यू | कमरे, वाई-फाई, रेस्टोरेंट, स्पा, गंगा नदी का दृश्य | ₹6000-₹12,000 |
रुद्रप्रयाग: त्रिशूल का धाम
देवप्रयाग से लगभग 34 किलोमीटर की दूरी पर स्थित रुद्रप्रयाग मंदाकिनी और अलकनंदा नदियों के संगम स्थल के रूप में जाना जाता है. किंवदंतियों के अनुसार, भगवान रुद्र अर्थात शिव ने यहीं पर तपस्या की थी. रुद्रप्रयाग को त्रिशूल का धाम भी कहा जाता है, क्योंकि यहां से त्रिशूल पर्वत का स्पष्ट नजारा दिखाई देता है.
रुद्रप्रयाग में दर्शनीय स्थल
रुद्रनाथ मंदिर :
भगवान शिव को समर्पित यह मंदिर रुद्रप्रयाग का प्रमुख मंदिर है. मंदिर की वास्तुकला देखने लायक है.
चौराबाड़ी ताल :
रुद्रप्रयाग के निकट स्थित यह कृत्रिम झील प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर है. यहां आप नौका विहार का आनंद ले सकते हैं.
नेहरू पर्वतारोहण संस्थान :
यदि आप ट्रेकिंग या पर्वतारोहण में रुचि रखते हैं, तो नेहरू पर्वतारोहण संस्थान आपके लिए रुचिकर हो सकता है. यहां से आप ट्रेकिंग संबंधी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं.
रुद्रप्रयाग में ठहरने के विकल्प:
श्रेणी | विकल्प | सुविधाएं | मूल्य (प्रति रात) | वेबसाइट |
बजट होटल | जीएमवीएन गेस्ट हाउस | कमरे, वाई-फाई, रेस्टोरेंट | ₹800-₹1500 | https://gmvnonline.com/trh-filter.php?district=Rudraprayag |
होटल नारायणा | कमरे, वाई-फाई, रेस्टोरेंट | ₹1000-₹2000 | https://www.makemytrip.com/hotels/hotel_narayana-details-rudraprayag.html | |
होटल अनमोल | कमरे, वाई-फाई, रेस्टोरेंट | ₹1200-₹2500 | https://www.booking.com/hotel/in/anmol-amp-restaurant-rudraprayag-gulabrai.en-gb.html | |
मध्यम श्रेणी के होटल | होटल कमला सदन | कमरे, वाई-फाई, रेस्टोरेंट | ₹1500-₹3000 | https://www.booking.com/hotel/in/galaxy-rudraprayag.en-gb.html |
होटल गंगा व्यू | कमरे, वाई-फाई, रेस्टोरेंट, गंगा नदी का दृश्य | ₹2000-₹4000 | https://www.booking.com/hotel/in/galaxy-rudraprayag.en-gb.html | |
होटल शिव शक्ति | कमरे, वाई-फाई, रेस्टोरेंट | ₹1800-₹3500 | ||
लक्जरी होटल | द रिट्रीट | विला, वाई-फाई, रेस्टोरेंट, स्पा, स्विमिंग पूल | ₹8000-₹15,000 | |
होटल गंगा प्राइड | कमरे, वाई-फाई, रेस्टोरेंट, स्पा | ₹6000-₹12,000 | ||
आश्रम | स्वामी विवेकानंद आश्रम | आवास, भोजन, योग कक्षाएं, ध्यान सत्र | दान आधारित | https://www.omkarananda-ashram.org/ |
पंचकेदार आश्रम | आवास, भोजन, योग कक्षाएं, ध्यान सत्र | दान आधारित | ||
आनंदमयी आश्रम | आवास, भोजन, योग कक्षाएं, ध्यान सत्र | दान आधारित |
रुद्रप्रयाग में थोड़ा लंबा विश्राम लेना फायदेमंद हो सकता है, क्योंकि आगे का सफर थोड़ा कठिन हो सकता है. आप यहां के होटलों में रुक सकते हैं या फिर धर्मशालाओं में विश्राम कर सकते हैं. स्थानीय बाजारों में घूमकर आप ऊनी वस्त्र और हस्तशिल्प जैसी वस्तुएं खरीद सकते हैं.
गुप्तकाशी: गुप्त धाम
रुद्रप्रयाग से लगभग 44 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है गुप्तकाशी. इसका नाम इसलिए पड़ा है क्योंकि माना जाता है कि द्वापर युग में पांडवों ने महाभारत युद्ध के पाप से मुक्ति पाने के लिए यहां छिपकर पूजा की थी. वर्तमान में भी सर्दियों के दौरान जब ऊपरी धामों में बर्फबारी हो जाती है, तब भगवान विष्णु की मूर्ति को गुप्तकाशी लाया जाता है.
गुप्तकाशी में दर्शनीय स्थल
विष्णु मंदिर :
गुप्तकाशी का मुख्य मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित है. सर्दियों के दौरान बद्रीनाथ धाम के बंद होने पर यहां दर्शन किए जाते हैं.
मानिकर्णिका कुंड :
गर्म पानी का यह कुंड धार्मिक महत्व रखता है. माना जाता है कि यहां स्नान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है.
उत्तराखंड आयुर्वेद संस्थान :
यदि आप आयुर्वेदिक उपचारों में रुचि रखते हैं, तो उत्तराखंड आयुर्वेद संस्थान आपके लिए फायदेमंद हो सकता है.
गुप्तकाशी में आप मंदिरों के दर्शन कर सकते हैं, गर्म पानी के कुंड में स्नान कर सकते हैं, या फिर स्थानीय बाजारों की सैर कर सकते हैं.
मंदाकिनी नदी के तट पर – पोखरी
गुप्तकाशी से आगे बढ़ते हुए लगभग 18 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है पोखरी. यह एक छोटा सा गांव है, जो मंदाकिनी नदी के किनारे बसा हुआ है.
पोखरी रुकने का एक अच्छा विकल्प है, खासकर उन लोगों के लिए जो शांत वातावरण में कुछ समय बिताना चाहते हैं. यहां से आसपास के खूबसूरत पहाड़ों का नजारा मनमोहक होता है.
यहां ठहरने के लिए कुछ होटल और गेस्ट हाउस उपलब्ध हैं. आप मंदाकिनी नदी के किनारे बैठकर प्रकृति का आनंद ले सकते हैं या फिर नदी में डुबकी लगा सकते हैं (स्थानीय गाइड के परामर्श से ही नदी में स्नान करें).
पोखरी में मुख्य रूप से प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद लेने और शांति पाने का अवसर मिलता है. यदि आप थोड़ा एडवेंचर करना चाहते हैं, तो आप मंदाकिनी नदी में राफ्टिंग का भी मजा ले सकते हैं (राफ्टिंग का आयोजन मौसम पर निर्भर करता है).
जोशीमठ: हिमालय की शीतल छाया में
रुद्रप्रयाग से आगे बढ़ते हुए हम जोशीमठ पहुंचते हैं। समुद्र तल से लगभग 6131 मीटर की ऊंचाई पर स्थित जोशीमठ, बद्रीनाथ यात्रा का एक महत्वपूर्ण पड़ाव है। यह खूबसूरत गांव हिमालय की तलहटी में बसा हुआ है और अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है। जोशीमठ न केवल धार्मिक स्थल है, बल्कि रोमांच के शौकीनों के लिए भी एक आकर्षक स्थान है।
जोशीमठ में घूमने के लिए कुछ प्रमुख स्थान हैं:
नरसिंह मंदिर:
भगवान विष्णु के नरसिंह अवतार को समर्पित यह प्राचीन मंदिर जोशीमठ का प्रमुख आकर्षण है। मंदिर की खूबसूरत वास्तुकला और यहां की शांत वातावरण आपको मंत्रमुग्ध कर देगा।
औली: स्कीइंग का स्वर्ग:
बर्फ से ढकी चोटियों के बीच बसा औली भारत का एक प्रमुख स्कीइंग रिज़ॉर्ट है। सर्दियों के मौसम में यहां बड़ी संख्या में पर्यटक स्कीइंग का आनंद लेने आते हैं।
तप्त कुंड:
जोशीमठ में स्थित यह प्राकृतिक गर्म पानी का स्रोत अपने औषधीय गुणों के लिए जाना जाता है। माना जाता है कि इस कुंड में स्नान करने से विभिन्न प्रकार की बीमारियों से छुटकारा मिलता है।
जोशीमठ में ठहरने के लिए कई होटल, गेस्टहाउस और लॉज उपलब्ध हैं। आप अपनी यात्रा के बजट और जरूरतों के अनुसार इनमें से कोई भी विकल्प चुन सकते हैं।
जोशीमठ (उत्तराखंड) में आवास विकल्प
आवास प्रकार | नाम | अनुमानित मूल्य प्रति रात (₹) |
होटल | होटल हिमालयन ग्रेस | ₹1,500 – ₹3,000 |
होटल | अल्पना अपार्टमेंट | ₹1,000 – ₹2,000 |
होटल | होटल माउंट व्यू | ₹800 – ₹1,500 |
गेस्ट हाउस | श्रीकृष्ण गेस्ट हाउस | ₹500 – ₹1,000 |
गेस्ट हाउस | मैत्री गेस्ट हाउस | ₹400 – ₹800 |
धर्मशाला | श्री आदि गुरु शंकराचार्य जी महाराज का धाम | नि:शुल्क दान |
धर्मशाला | तपोवन धर्मशाला | दान स्वीकार्य |
धर्मशाला | स्वामी विवेकानंद धर्मशाला | दान स्वीकार्य |
अब हमारी यात्रा अपने अंतिम पड़ाव की ओर बढ़ रही है. जोशीमठ से लगभग 40 किलोमीटर की दूरी तय करने के बाद हम पहुंचेंगे बद्रीनाथ धाम.
बद्रीनाथ धाम: भगवान विष्णु का पवित्र निवास
हिमालय की गोद में बसे बद्रीनाथ धाम उत्तराखंड के चार धामों में से एक है और भगवान विष्णु को समर्पित सबसे पवित्र धार्मिक स्थलों में से एक माना जाता है. समुद्र तल से लगभग 3,133 मीटर की ऊंचाई पर स्थित यह धाम न सिर्फ धार्मिक आस्था का केंद्र है, बल्कि यहां का प्राकृतिक सौंदर्य भी अद्भुत है.
बद्रीनाथ धाम का महत्व
हिंदू धर्म में बद्रीनाथ धाम का विशेष महत्व है. मान्यता है कि भगवान विष्णु ने यहां नर और नारायण के रूप में तपस्या की थी. पुराणों के अनुसार, बद्रीनाथ धाम मोक्ष की प्राप्ति का मार्ग प्रशस्त करता है.
यहां मौजूद भगवान विष्णु की काले पत्थर से निर्मित प्रतिमा को आदि बद्री के नाम से जाना जाता है. यह प्रतिमा 1 मीटर से अधिक ऊंची है और भगवान विष्णु को ध्यानमुद्रा में दर्शाती है.
बद्रीनाथ धाम में दर्शनीय स्थल
- बद्रीनाथ मंदिर : बद्रीनाथ धाम का मुख्य आकर्षण है भगवान विष्णु को समर्पित यह मंदिर. मंदिर की वास्तुकला द्रविड़ शैली से प्रभावित है और इसके गर्भगृह में आदि बद्री की प्रतिमा स्थापित है.
- शेष नेत्र : बद्रीनाथ मंदिर के ठीक सामने स्थित है शेष नेत्र. यह एक चट्टान का निर्माण है, जो सर्प के फन जैसा दिखाई देता है. मान्यता है कि भगवान शेष बद्रीनाथ धाम की रक्षा करते हैं.
- तप्त कुंड : मंदिर परिसर में स्थित गर्म पानी का यह कुंड श्रद्धालुओं के बीच लोकप्रिय है. माना जाता है कि यहां स्नान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है.
- मानव मंदिर : बद्रीनाथ धाम के निकट स्थित यह मंदिर आदि शंकराचार्य को समर्पित है. मंदिर परिसर से बद्रीनाथ धाम का मनोरम दृश्य दिखाई देता है.
- नारद कुंड : यह कुंड भी बद्रीनाथ धाम के निकट स्थित है. मान्यता है कि भगवान नारद ने यहां तपस्या की थी.
बद्रीनाथ धाम में आप मंदिरों के दर्शन के अलावा यहां के प्राकृतिक सौंदर्य का भी आनंद ले सकते हैं. आप माणा गांव की सैर कर सकते हैं, जो भारत का अंतिम गांव माना जाता है, या फिर नीलकंठ पर्वत की भव्यता को निहार सकते हैं.
यह ध्यान देने योग्य है कि बद्रीनाथ धाम मई से नवंबर के महीनों के बीच ही दर्शनार्थियों के लिए खुला रहता है. सर्दियों के दौरान भारी हिमपात के कारण धाम बंद रहता है.
बद्रीनाथ धाम के आसपास धार्मिक स्थल
बद्रीनाथ धाम की आध्यात्मिक ऊर्जा का अनुभव करने के बाद, आसपास के क्षेत्रों में मौजूद धार्मिक स्थल आपकी यात्रा को और भी सार्थक बना देंगे. आइए, इन कुछ प्रमुख धार्मिक स्थलों के बारे में विस्तार से जानते हैं:
माणा गांव: भारत का अंतिम गांव
बद्रीनाथ से लगभग 34 किलोमीटर की दूरी पर स्थित माणा गांव, भारत का अंतिम गांव माना जाता है. यह गांव सरस्वती नदी के किनारे बसा हुआ है और भारत-चीन सीमा के निकट स्थित है. माणा गांव की खूबसूरती तो मनमोहक है ही, साथ ही यहां की प्राचीन परंपराएं और लोककथाएं भी यात्रियों को अपनी ओर खींचती हैं.
माणा गांव की धार्मिक महत्ता
- व्यास गुफा : माना जाता है कि महर्षि वेद व्यास ने इस गुफा में वेदों का ज्ञान प्राप्त किया था. गुफा के अंदर भगवान शिव की एक प्राचीन मूर्ति भी स्थापित है.
- व्यास कुंड : इस कुंड का जल पवित्र माना जाता है. ऐसा माना जाता है कि महर्षि वेद व्यास ने इसी कुंड में स्नान किया था.
- भीम पुल : पौराणिक कथाओं के अनुसार, महाभारत काल में पांडवों में से एक भीम ने इस प्राकृतिक चट्टान को लाकर सरस्वती नदी पर पुल बनाया था.
माणा गांव घूमने के दौरान आप इन धार्मिक स्थलों के दर्शन कर सकते हैं. साथ ही, गांव के बाजारों में स्मृति चिन्ह के रूप में ऊनी वस्त्र और हस्तशिल्प की खरीदारी भी कर सकते हैं.
माता मूर्ति मंदिर: पौराणिक कथाओं का साक्षी
माणा गांव से लगभग 3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित माता मूर्ति मंदिर, माता पार्वती को समर्पित है. यह मंदिर इस बात का प्रमाण माना जाता है कि माता पार्वती ने हिमालय में तपस्या की थी.
मंदिर की वास्तुकला भी अपने आप में खास है. मंदिर परिसर से बर्फ से ढके पहाड़ों का मनोरम दृश्य दिखाई देता है. माता मूर्ति मंदिर की यात्रा करने के लिए आपको माणा गांव से थोड़ी पैदल चलनी पड़ सकती है.
वसुधारा जलप्रपात: धरती के आंसू
माणा गांव से लगभग 8 किलोमीटर की दूरी पर स्थित वसुधारा जलप्रपात, प्राकृतिक सौंदर्य और धार्मिक महत्व का संगम है. लगभग 35 मीटर की ऊंचाई से गिरने वाला यह जलप्रपात “वसुधा” अर्थात् पृथ्वी और “धारा” अर्थात् धारा से मिलकर बना है, जिसका अर्थ है “पृथ्वी की धारा”.
मान्यता है कि इस झरने का जल औषधीय गुणों से युक्त है. श्रद्धालु यहां स्नान कर पुण्य लाभ प्राप्त करते हैं. मानसून के दौरान वसुधारा जलप्रपात अपनी सबसे खूबसूरत अवस्था में होता है.
नीलकंठ: भगवान शिव का कंठ
बद्रीनाथ धाम से लगभग 31 किलोमीटर की दूरी पर स्थित नीलकंठ, भगवान शिव के विश्राम स्थल के रूप में जाना जाता है. पौराणिक कथाओं के अनुसार, समुद्र मंथन के समय निकले विष को भगवान शिव ने अपने कंठ में धारण कर लिया था, जिससे उनका कंठ नीला पड़ गया था.माना जाता है कि इसके बाद
भादों महीने में भगवान शिव यहां विश्राम करने आते हैं. नीलकंठ पर्वत की चोटी लगभग 6543 मीटर ऊंची है और इसकी खड़ी चढ़ाई इसे ट्रैकिंग के लिए उपयुक्त नहीं बनाती. हालांकि, यहां से नारायण पर्वत और बद्रीनाथ धाम का मनोरम दृश्य देखने को मिलता है.
नीलकंठ की यात्रा के दौरान आप यहां स्थित भगवान शिव के मंदिर के दर्शन भी कर सकते हैं. मंदिर की सादगी और शांत वातावरण आपको आध्यात्मिक ऊर्जा से भर देगा.
तप्त कुंड: गर्म पानी का पवित्र सरोवर
बद्रीनाथ धाम के मुख्य मंदिर परिसर के अंदर स्थित तप्त कुंड, गर्म पानी का एक पवित्र सरोवर है. माना जाता है कि इस कुंड का जल औषधीय गुणों से युक्त है और इसमें स्नान करने से विभिन्न रोगों से मुक्ति मिलती है.
तप्त कुंड के आसपास अन्य छोटे कुंड भी हैं, जिन्हें collectively कूल कुंड के नाम से जाना जाता है. ये कुंड ठंडे पानी के हैं और श्रद्धालु इनमें स्नान करने के बाद ही तप्त कुंड में स्नान करते हैं.
ध्यान दें कि तप्त कुंड का पानी काफी गर्म होता है, इसलिए स्नान करते समय सावधानी बरतें.
ब्रह्म कपाल: तीर्थयात्रियों के लिए अंतिम संस्कार
बद्रीनाथ धाम से लगभग 2 किलोमीटर की दूरी पर स्थित ब्रह्म कपाल, एक चट्टान का निर्माण है. इस स्थान का धार्मिक महत्व है, खासकर उन लोगों के लिए जो तीर्थयात्रा पर आते हैं.
पहाड़ी क्षेत्रों में अक्सर अंतिम संस्कार करना कठिन होता है. इसलिए, माना जाता है कि जो तीर्थयात्री बद्रीनाथ धाम की यात्रा के दौरान स्वर्गवास हो जाते हैं, उनके लिए ब्रह्म कपाल में प्रतीकात्मक रूप से अंतिम संस्कार किया जाता है.
शेषनेत्र: सर्प शेष का रक्षक दृष्टि
बद्रीनाथ धाम के मंदिर के ठीक सामने स्थित शेषनेत्र, एक विशाल चट्टान का निर्माण है जो सर्प के फन जैसा दिखाई देता है. हिंदू धर्म में, शेषनाग भगवान विष्णु के शयन को धारण करता है.
ऐसी मान्यता है कि शेषनाग बद्रीनाथ धाम की रक्षा करता है. शेषनेत्र की विशालता और प्राकृतिक सौंदर्य देखने लायक है.
यह धार्मिक स्थल न सिर्फ श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है, बल्कि फोटोग्राफरों के लिए भी एक बेहतरीन लोकेशन है.
बद्रीनाथ धाम के आसपास रोमांचकारी अनुभव
बद्रीनाथ धाम की आध्यात्मिक शांति का अनुभव करने के बाद, आप अपने रोमांच के जुनून को भी पूरा कर सकते हैं. हिमालय की ऊंची चोटियों और मनोरम घाटियों के बीच, बद्रीनाथ धाम के आसपास कई ऐसे रोमांचक अनुभव हैं जो आपकी यात्रा को अविस्मरणीय बना देंगे.
आइए, इन रोमांचकारी गतिविधियों के बारे में विस्तार से जानते हैं:
सतोपंथ ताल: हिमालय की गोद में नीला रत्न
बद्रीनाथ धाम से लगभग 24 किलोमीटर की दूरी पर स्थित सतोपंथ ताल, एक मनमोहक हिमालयी झील है. लगभग 3800 मीटर की ऊंचाई पर स्थित यह झील अपने नीले पानी और चारों तरफ बर्फ से ढकी चोटियों के कारण किसी नीले रत्न की तरह चमकती है.
यहां पहुंचने के लिए आपको माणा गांव से ट्रैकिंग करनी पड़ती है. ट्रैकिंग का रास्ता थोड़ा कठिन है, लेकिन प्रकृति प्रेमियों और रोमांच के शौकीनों के लिए यह एक बेहतरीन अनुभव हो सकता है.
सतोपंथ ताल की यात्रा के दौरान आप रास्ते में मिलने वाले विभिन्न पक्षियों और वनस्पतियों को देख सकते हैं. साथ ही, बर्फ से ढके पहाड़ों का शानदार नजारा भी आपका मन मोह लेगा.
फूलों की घाटी: प्रकृति का रंगीन उपहार
बद्रीनाथ धाम से लगभग 170 किलोमीटर की दूरी पर स्थित फूलों की घाटी, प्रकृति का एक अनोखा उपहार है. लगभग 3600 मीटर से 3900 मीटर की ऊंचाई पर स्थित यह घाटी, विभिन्न रंगों के फूलों से एक रंगीन कालीन की तरह बिछी हुई नजर आती है.
जुलाई से सितंबर के महीनों के बीच, फूलों की घाटी अपनी पूर्ण छाट पर होती है. यहां लगभग 500 से अधिक प्रकार के फूल पाए जाते हैं, जिनमें आर्किड, प्रिमरोज़, ग्लेडियोलस और ब्रह्मकमल जैसे दुर्लभ फूल भी शामिल हैं.
फूलों की घाटी तक पहुंचने के लिए आपको गोविंदघाट से लगभग 19 किलोमीटर की ट्रैकिंग करनी पड़ती है. ट्रैकिंग का रास्ता मध्यम स्तर का कठिन है, लेकिन प्रकृति प्रेमियों के लिए यह एक अविस्मरणीय अनुभव हो सकता है.
नीति घाटी: सांस्कृतिक विरासत और प्राकृतिक सौंदर्य का संगम
बद्रीनाथ धाम से लगभग 83 किलोमीटर की दूरी पर स्थित नीति घाटी, प्राकृतिक सौंदर्य और सांस्कृतिक विरासत का संगम है. यह भारत-चीन सीमा के पास स्थित एक रमणीय घाटी है.
नीति गांव यहां का मुख्य आकर्षण है. यह गांव अपने पारंपरिक घरों, मंदिरों और स्थानीय लोगों की अनूठी संस्कृति के लिए जाना जाता है. नीति घाटी में आप ट्रेकिंग, कैंपिंग और माउंटेन बाइकिंग जैसी रोमांचक गतिविधियों का भी आनंद ले सकते हैं.
माणा पास: रोमांचक ट्रैकिंग का अनुभव
माना गांव से लगभग 18 किलोमीटर की दूरी पर स्थित माणा पास, ट्रैकिंग के शौकीनों के लिए एक चुनौतीपूर्ण और रोमांचक अनुभव है. लगभग 5200 मीटर की ऊंचाई पर स्थित यह दर्रा भारत-चीन सीमा
पर स्थित है. माणा पास ट्रैक कुछ कठिन माना जाता है, इसलिए ट्रैकिंग करने से पहले अच्छी शारीरिक फिटनेस होना जरूरी है.
यहां ट्रैकिंग के दौरान बर्फ से ढके पहाड़ों, गहरी खाइयों और मनमोहक घाटियों का दृश्य आपको मंत्रमुग्ध कर देगा. रास्ते में आपको कुछ छोटे गांव और ढाबे भी मिल सकते हैं, जहां आप आराम कर सकते हैं.
ध्यान दें कि माणा पास की ट्रैकिंग के लिए सरकारी अनुमति लेना आवश्यक होता है. साथ ही, एक अनुभवी गाइड के साथ ही ट्रैकिंग करने की सलाह दी जाती है.
नारद कुंड: ध्यान और प्रकृति का संगम
बद्रीनाथ धाम से लगभग 2 किलोमीметр की दूरी पर स्थित नारद कुंड, प्राकृतिक सौंदर्य और आध्यात्मिक शांति का एक अद्भुत संगम है. माना जाता है कि प्राचीन ऋषि नारद ने यहां तपस्या की थी.
यह कुंड बर्फ से ढके पहाड़ों से घिरा हुआ है और इसका वातावरण बेहद शांत है. यहां आप ध्यान लगाकर आध्यात्मिक शांति का अनुभव कर सकते हैं. साथ ही, पहाड़ों की खूबसूरती का आनंद ले सकते हैं.
नारद कुंड तक पहुंचने के लिए आपको थोड़ी पैदल चलनी पड़ती है. लेकिन प्रकृति की गोद में चलने का अनुभव भी अपने आप में सुखद होता है.
बद्रीनाथ धाम (उत्तराखंड) में ठहरने के विकल्प:
आवास प्रकार | नाम | अनुमानित मूल्य प्रति रात (₹) |
होटल | द ओबेरॉय वन कैलाश | ₹30,000 और ऊपर |
होटल | तज रामदाणी | ₹25,000 और ऊपर |
होटल | होटल मणिमहेश | ₹15,000 – ₹20,000 |
होटल | होटल एसपी जेम | ₹10,000 – ₹15,000 |
होटल | होटल स्नोव्यू | ₹8,000 – ₹12,000 |
होटल | होटल गंगा दर्शन | ₹5,000 – ₹8,000 |
होटल | होटल माउंट व्यू | ₹4,000 – ₹6,000 |
होटल | होटल गंगा प्रवाह | ₹3,000 – ₹5,000 |
गेस्ट हाउस | नारायण पैलेस | ₹2,000 – ₹4,000 |
गेस्ट हाउस | पंचाली टूरिस्ट गेस्ट हाउस | ₹1,500 – ₹3,000 |
गेस्ट हाउस | होटल नंदा गेस्ट | ₹1,000 – ₹2,000 |
गेस्ट हाउस | होटल अलकनंदा | ₹1,000 – ₹2,000 |
गेस्ट हाउस | होटल गढ़वाल हाउस | ₹800 – ₹1,500 |
गेस्ट हाउस | बद्रीनाथ धाम ग 美甲 धर्मशाला | नि:शुल्क दान |
धर्मशाला | श्री बद्रीनाथ धाम बोर्ड धर्मशाला | नि:शुल्क दान |
धर्मशाला | श्रीकृष्ण प्रणामी मंगल भवन | दान स्वीकार्य |
होमस्टे | हिमालयन एबोड होमस्टे | ₹2,000 – ₹3,000 |
होमस्टे | दंडा बेसरा होमस्टे | ₹1,500 – ₹2,500 |
होमस्टे | श्री बद्रीनाथ होमस्टे | ₹1,000 – ₹2,000 |
होमस्टे | मदर नेचर होमस्टे | ₹800 – ₹1,500 |
गेस्ट हाउस | मैत्री गेस्ट हाउस | ₹1,000 – ₹2,000 |
गेस्ट हाउस | शिव शक्ति गेस्ट हाउस | ₹800 – ₹1,500 |
गेस्ट हाउस | होटल केदारनाथ | ₹1,500 – ₹2,500 |
धर्मशाला | तपोवन धर्मशाला | दान स्वीकार्य |
धर्मशाला | श्री वैष्णव धर्मशाला | दान स्वीकार्य |
धर्मशाला | श्री दत्तात्रेय धर्मशाला | दान स्वीकार्य |
होमस्टे | मouna Homestay | ₹1,200 – ₹2,000 |
होमस्टे | Maa Annapurna Homestay | ₹1,000 – ₹1,800 |
होटल | होटल माता मूर्ति | ₹3,000 – ₹5,000 |
होटल | होटल गंगा सोन | ₹2,000 – ₹4,000 |
गेस्ट हाउस | श्री बद्री विशाल गेस्ट हाउस | ₹1,200 – ₹2,500 |
गेस्ट हाउस | श्री बद्रीनाथ गेस्ट हाउस | ₹800 – ₹1,800 |
धर्मशाला | निराला स्पीति धर्मशाला | दान स्वीकार्य |
धर्मशाला | स्वामी विवेकानंद धर्मशाला | दान स्वीकार्य |
होमस्टे | श्री बद्रीनाथ दर्शन होमस्टे | ₹1,500 – ₹2,200 |
होमस्टे | हिमालयन व्यू होमस्टे | ₹1,200 – ₹2,000 |
निष्कर्ष
इस लेख में हमने आपको बद्रीनाथ धाम के आसपास घूमने के लिए धार्मिक स्थलों और रोमांचकारी अनुभवों के बारे में विस्तार से बताया है. चाहे आप मंदिरों के दर्शन करना चाहते हों, या फिर ऊंचे पहाड़ों पर ट्रैकिंग का आनंद लेना चाहते हों, बद्रीनाथ धाम और उसके आसपास के क्षेत्र आपकी यात्रा को अविस्मरणीय बना देंगे.
बद्रीनाथ धाम यात्रा का सबसे अच्छा समय कौन सा है?
बद्रीनाथ धाम की यात्रा का आदर्श समय अप्रैल/मई से लेकर नवंबर के मध्य तक का होता है। इन महीनों में मौसम सुहावना रहता है और तीर्थयात्रा करने में आसानी होती है। सर्दियों में भारी हिमपात के कारण बद्रीनाथ धाम यात्रा बंद रहती है।
बद्रीनाथ धाम यात्रा में कितना खर्च आ सकता है?
बद्रीनाथ धाम यात्रा में आपका खर्च परिवहन, भोजन, आवास और दर्शन पूजा आदि पर निर्भर करता है। एक अनुमान के अनुसार, 3-4 दिन की यात्रा में आपको ₹10,000 से ₹20,000 तक का खर्च आ सकता है।
बद्रीनाथ धाम यात्रा के लिए क्या तैयारी करनी चाहिए?
बद्रीनाथ धाम यात्रा के लिए गर्म कपड़े, आरामदायक जूते, सनस्क्रीन, टोपी, धूप का चश्मा और पर्याप्त मात्रा में पीने का पानी साथ रखें। इसके अलावा, आप कुछ दवाइयाँ भी साथ रख सकते हैं, खासकर अगर आपको किसी तरह की चिकित्सीय स्थिति है।
बद्रीनाथ यात्रा के दौरान परिवहन की लागत कितनी है?
बद्रीनाथ यात्रा के दौरान परिवहन की लागत आपके द्वारा चुने गए परिवहन के साधन पर निर्भर करती है।
बस: बस सबसे सस्ता परिवहन विकल्प है, जिसकी कीमत ₹500 से ₹1,000 प्रति व्यक्ति प्रति यात्रा हो सकती है।
टैक्सी: टैक्सी थोड़ी अधिक महंगी होती है, जिसकी कीमत ₹2,000 से ₹5,000 प्रति यात्रा हो सकती है।
हेलीकॉप्टर: हेलीकॉप्टर सबसे महंगा परिवहन विकल्प है, जिसकी कीमत ₹10,000 से ₹20,000 प्रति व्यक्ति प्रति यात्रा हो सकती है।
बद्रीनाथ यात्रा के लिए कुल बजट कितना होगा?
बद्रीनाथ यात्रा के लिए कुल बजट आपके द्वारा चुने गए आवास, भोजन, परिवहन और अन्य खर्चों के आधार पर भिन्न होगा।
कम बजट: यदि आप कम बजट में यात्रा कर रहे हैं, तो आप प्रति व्यक्ति प्रति दिन ₹1,000 से ₹2,000 खर्च करने की उम्मीद कर सकते हैं।
मध्यम बजट: यदि आपके पास मध्यम बजट है, तो आप प्रति व्यक्ति प्रति दिन ₹2,000 से ₹5,000 खर्च करने की उम्मीद कर सकते हैं।
उच्च बजट: यदि आपके पास उच्च बजट है, तो आप प्रति व्यक्ति प्रति दिन ₹5,000 या उससे अधिक खर्च करने की उम्मीद कर सकते हैं।
बद्रीनाथ यात्रा के दौरान खाने पीने की चीजों पर कितना खर्च आ सकता है?
जैसा कि ऊपर बताया गया है, भोजन की लागत आपके द्वारा चुने गए स्थान और भोजन के प्रकार पर निर्भर करती है। आप प्रति दिन भोजन पर ₹100 से ₹500 या उससे अधिक खर्च करने की उम्मीद कर सकते हैं।
क्या बद्रीनाथ यात्रा के रास्ते में क्रेडिट कार्ड स्वीकार किए जाते हैं?
कुछ बड़े शहरों और कस्बों में होटलों और रेस्तरां में क्रेडिट कार्ड स्वीकार किए जा सकते हैं। हालांकि, यह हर जगह स्वीकार्य नहीं है, इसलिए नकदी ले जाना ही सबसे अच्छा विकल्प है।
क्या बद्रीनाथ यात्रा के रास्ते में 10 अद्भुत पड़ावों में से सभी स्थानों पर एटीएम उपलब्ध हैं?
दुर्भाग्य से, बद्रीनाथ यात्रा के रास्ते के सभी स्थानों पर एटीएम उपलब्ध नहीं हो सकते हैं। विशेष रूप से दूरदराज के इलाकों और छोटे गांवों में एटीएम ढूंढना मुश्किल हो सकता है। इसलिए, यात्रा शुरू करने से पहले पर्याप्त नकदी निकाल लेना उचित है।
बद्रीनाथ यात्रा पर पैसे बचाने के लिए मैं क्या कर सकता हूँ?
बद्रीनाथ यात्रा पर पैसे बचाने के लिए आप कई चीजें कर सकते हैं:
कम सीजन में यात्रा करें: यदि आप कम सीजन में यात्रा करते हैं, तो आपको आवास, भोजन और परिवहन पर कम खर्च करने की संभावना होगी।
धर्मशाला या गेस्ट हाउस में ठहरें: होटल के बजाय धर्मशाला या गेस्ट हाउस में ठहरने से आपको पैसे बचाने में मदद मिलेगी।
सड़क किनारे के स्टॉल और ढाबों पर खाना खाएं:रेस्तरां के बजाय सड़क किनारे के स्टॉलों और ढाबों पर खाना खाकर आप भोजन पर काफी बचत कर सकते हैं।
सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करें: टैक्सी या हेलीकॉप्टर के बजाय बस या ट्रेन जैसा सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करने से आप परिवहन लागत कम कर सकते हैं।
अपना सामान खुद ले जाएं: यदि आप कम सामान के साथ यात्रा करते हैं, तो आपको कम खर्च पर काम चलाना होगा। पोर्टेबल या हाइकिंग गियर किराए पर लेने पर विचार करें।
पैकेज टूर का लाभ उठाएं: कभी-कभी पैकेज टूर चुनने से आपको व्यक्तिगत रूप से बुकिंग करने की तुलना में बेहतर डील्स मिल सकती हैं।
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