WhatsApp Channel Join Now
Telegram Channel Join Now

गंगोत्री और गोमुख की एक साहसिक एवं चुनौतीपूर्ण ट्रेक पर यात्रा

Table of Contents

क्या आप रोमांच के दीवाने हैं? अगर हाँ, तो इस लेख में आपको गंगोत्री और गोमुख की एक साहसिक एवं चुनौतीपूर्ण ट्रेक पर यात्रा के बारे में बतायेंगे. यह यात्रा आपको हिमालय की भव्यता के बीच ले जाएगी, जहाँ आप प्रकृति के कच्चे रूप का अनुभव कर सकेंगे। यह लेख आपको इस अविस्मरणीय यात्रा के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान करेगा, जिसमें चुनौतियों और पुरस्कारों, तैयारी, मार्ग, आवास, भोजन, सुरक्षा और लागत शामिल हैं।

गंगोत्री और गोमुख का परिचय

उत्तराखंड राज्य में स्थित गंगोत्री और गोमुख हिमालय पर्वतमाला के रत्न हैं। गंगोत्री मंदिर हिंदू धर्म के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थस्थल है, जो माना जाता है कि पवित्र गंगा नदी का उद्गम स्थल है। दूसरी ओर, गोमुख गंगोत्री ग्लेशियर का मुख है, जहां से गंगा नदी निकलती है। यह विशाल ग्लेशियर पवित्र नदी के जल स्रोत के रूप में कार्य करता है और अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है।

यदि आप गंगोत्री और गोमुख की यात्रा करने की योजना बना रहे हैं, तो आप आध्यात्मिकता और साहस का एक अनूठा मिश्रण अनुभव करेंगे। मंदिर में पूजा-अर्चना करने और गंगा के पवित्र जल का आशीर्वाद प्राप्त करने के बाद, आप बर्फ से ढके पहाड़ों और कठिन इलाके के बीच रोमांचक ट्रेक पर निकल सकते हैं। यह यात्रा आपको न केवल शारीरिक रूप से चुनौती देगी बल्कि आपको प्रकृति की शक्ति और सुंदरता के प्रति श्रद्धा से भर देगी।

गोमुख ग्लेशियर यात्रा की चुनौतियाँ और पुरस्कार

गोमुख ग्लेशियर यात्रा किसी भी तरह से आसान नहीं है। यह एक मध्यम से कठिन ट्रेक है जिसके लिए शारीरिक सहनशक्ति, दृढ़ संकल्प और मानसिक तैयारी की आवश्यकता होती है। पहाड़ी इलाके में चढ़ाई, कच्ची पगडंडियों पर चलना, और कभी-कभी अप्रत्याशित मौसम का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि, चुनौतियों के बावजूद, इस यात्रा के कई पुरस्कार भी हैं।

  • प्राकृतिक सुंदरता का अनुभव: गंगोत्री से गोमुख तक का मार्ग बर्फ से ढके पहाड़ों, घाटियों और निर्मल बहती धाराओं के बीच से होकर गुजरता है। यह दृश्य किसी भी प्रकृति प्रेमी को मंत्रमुग्ध कर देगा।
  • आध्यात्मिक अनुभव: गंगोत्री मंदिर में पूजा-अर्चना करने और गंगा के उद्गम स्थल, गोमुख को देखने से आपको आध्यात्मिक शांति और जुड़ाव का अनुभव होगा।
  • स्वयं को चुनौती देना: यह ट्रेक आपकी शारीरिक और मानसिक क्षमताओं की परीक्षा लेगा। इसे सफलतापूर्वक पूरा करना आपको आत्मविश्वास और उपलब्धि की भावना से भर देगा।
  • अद्वितीय परिदृश्य: हिमालय की ऊंचाईयों पर ट्रेक करना एक ऐसा अनुभव है जिसे आप जीवन भर याद रखेंगे। बर्फ से ढके पहाड़ों, घाटियों और नदियों का यह अनूठा संयोजन आपको मंत्रमुग्ध कर देगा।

और भी पढ़े “चारधाम यात्रा 2024:प्रकृति और आध्यात्मिकता का अद्भुत संगम”

आपको यह तय करना होगा कि क्या आप चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार हैं। यदि आप रोमांच पसंद करते हैं और प्रकृति की सुंदरता का आनंद लेना चाहते हैं, तो गंगोत्री और गोमुख की ग्लेशियर यात्रा आपके लिए एक अविस्मरणीय अनुभव हो सकती है।

शीर्षकविवरण
यात्रा की दूरी18 किलोमीटर (गंगोत्री से गोमुख तक)
ट्रेकिंग का स्तरमध्यम से कठिन
अनुमानित समय2 दिन 1 रात
गंगोत्री और गोमुख की एक साहसिक एवं चुनौतीपूर्ण ट्रेक पर यात्रा

गंगोत्री और गोमुख ग्लेशियर यात्रा की तैयारी

गोमुख ग्लेशियर यात्रा शुरू करने से पहले अच्छी तैयारी करना आवश्यक है। यह सुनिश्चित करेगा कि आपकी यात्रा सुरक्षित, सुखद और यादगार बने। तैयारी के कुछ महत्वपूर्ण पहलुओं पर ध्यान दें:

शारीरिक फिटनेस

यह ट्रेक मध्यम से कठिन श्रेणी में आता है। इसमें पहाड़ी इलाके में चढ़ाई और कच्ची पगडंडियों पर चलना शामिल है। यात्रा शुरू करने से पहले खुद को शारीरिक रूप से फिट बनाना महत्वपूर्ण है। नियमित रूप से व्यायाम करें, जिसमें लंबी पैदल यात्रा, सीढ़ी चढ़ना और कार्डियो शामिल हैं। अपनी सहनशक्ति और शक्ति का निर्माण करें ताकि आप ट्रेक के दौरान थकान का सामना आसानी से कर सकें।

आवश्यक उपकरण

ट्रेक के लिए उपयुक्त उपकरण यात्रा को सुरक्षित और अधिक आरामदायक बना सकते हैं। नीचे कुछ आवश्यक उपकरणों की सूची दी गई है:

शीर्षकविवरण
ट्रेकिंग पैंटटिकाऊ और तेजी से सूखने वाले कपड़े
थर्मल इनरवियरठंड के मौसम में शरीर को गर्म रखने के लिए
टोपीधूप और ठंड से बचाव के लिए
दस्तानेठंड के मौसम में हाथों को गर्म रखने के लिए
सनग्लासेससूरज की तेज रोशनी से बचाव के लिए
पावर बैंकइलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को चार्ज करने के लिए

इसके अतिरिक्त, आप एक प्राथमिक चिकित्सा किट, मच्छर निवारक, सनस्क्रीन, पानी की बोतल, स्नैक्स और व्यक्तिगत स्वच्छता वस्तुएं भी साथ ले जा सकते हैं।

ट्रेकिंग के जूते सबसे महत्वपूर्ण उपकरणों में से एक हैं। ऐसे जूते चुनें जो टिकाऊ हों, टखने तक का सहारा दें और जलरोधी हों। ढीले या फिसलने वाले जूते दुर्घटनाओं का कारण बन सकते हैं। अपने बैग को हल्का रखने का प्रयास करें और केवल उन्हीं चीजों को पैक करें जिनकी आपको वास्तव में आवश्यकता होगी।

यात्रा का समय

गोमुख ग्लेशियर यात्रा के लिए सबसे उपयुक्त समय मई से जून और सितंबर से अक्टूबर के बीच का होता है। इन महीनों के दौरान मौसम आम तौर पर सुखद रहता है और कम बारिश होती है। जुलाई और अगस्त के महीनों में मानसून की वजह से भूस्खलन और बाढ़ का खतरा रहता है, इसलिए इन महीनों में यात्रा करने से बचना चाहिए। सर्दियों के दौरान बर्फबारी के कारण रास्ता बंद हो सकता है।

अनुमतियाँ और पंजीकरण

गोमुख ग्लेशियर जाने के लिए वन विभाग से अनुमति लेना अनिवार्य है। अनुमति ऑनलाइन या गंगोत्री में वन विभाग के कार्यालय से प्राप्त की जा सकती है। यात्रा करने से पहले पंजीकरण करना भी आवश्यक है, ताकि अधिकारी आपकी सुरक्षा सुनिश्चित कर सकें। पंजीकरण गंगोत्री में वन विभाग के कार्यालय में किया जा सकता है।

गंगोत्री और गोमुख की एक साहसिक एवं चुनौतीपूर्ण ट्रेक पर यात्रा का मार्ग

गंगोत्री से गोमुख तक की यात्रा आम तौर पर दो दिन और एक रात में पूरी की जा सकती है। रास्ते में कुछ खूबसूरत पड़ाव हैं जहाँ आप आराम कर सकते हैं और आसपास के दृश्यों का आनंद ले सकते हैं। आइए इस यात्रा के मार्ग पर एक नज़र डालते हैं:

गंगोत्री से चीड़बासा

गंगोत्री मंदिर में पूजा-अर्चना करने के बाद, आपका ट्रेक गंगोत्री से शुरू होता है। शुरुआती चरण में, आपको हरे-भरे जंगलों और खच्चरों के रास्ते से होते हुए धीमी चढ़ाई करनी पड़ती है। लगभग 3 किलोमीटर की दूरी तय करने के बाद, आप भैरव घाटी तक पहुंचेंगे, जहाँ भैरव मंदिर स्थित है। माना जाता है कि भगवान शिव के इस रूप की पूजा करने से यात्रा सुरक्षित होती है।

भैरव घाटी से आगे का रास्ता थोड़ा कठिन हो जाता है। आपको कुछ खड़ी चढ़ाई करनी पड़ सकती है। रास्ते में, आप शायद हिमालय की कुछ ऊंची चोटियों, जैसे कि श्रृंग ऋषि पर्वत और थालासागर चोटी को देख पाएंगे। लगभग 4 किलोमीटर की चढ़ाई के बाद, आप चीड़बासा (लगभग 3,600 मीटर की ऊंचाई) पहुंच जाएंगे। यह पहला पड़ाव है जहाँ आप रात के लिए रुक सकते हैं। चीड़बासा में टेंट या लodge में रहने की व्यवस्था उपलब्ध है।

चीड़बासा से भोजवासा

दूसरे दिन, आप चीड़बासा से भोजवासा की ओर प्रस्थान करेंगे। यह दिन का सबसे कठिन हिस्सा है। आपको खड़ी चढ़ाई और कुछ संकरे रास्तों से होकर गुजरना पड़ेगा। रास्ते में, आप शायद हिमालय के मनोरम दृश्यों का आनंद ले सकें। लगभग 3 किलोमीटर की दूरी तय करने के बाद, आप गौमुखी नामक स्थान पर पहुंचेंगे। यह वह जगह है जहाँ गंगोत्री ग्लेशियर से निकलने वाली धारा एक छोटी सी झील में मिलती है। आप इस पवित्र जल में हाथ धो सकते हैं और आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं।

गौमुखी से आगे का रास्ता थोड़ा कठिन है। आपको कुछ बड़े पत्थरों पर चढ़ना पड़ सकता है। सावधानी से चलें और अपने गाइड के निर्देशों का पालन करें। लगभग 2 किलोमीटर की दूरी तय करने के बाद, आप भोजवासा (लगभग 4,000 मीटर की ऊंचाई) पहुंच जाएंगे। यह दूसरा पड़ाव है जहाँ आप रात के लिए रुक सकते हैं। भोजवासा में टेंट या लodge में रहने की व्यवस्था उपलब्ध है।

भोजवासा से गोमुख

तीसरे दिन, आप भोजवासा से गोमुख की ओर अंतिम धक्का देंगे। यह दूरी लगभग 2 किलोमीटर है, लेकिन रास्ते में कुछ खड़ी चढ़ाई शामिल है। अंत में, आप गोमुख तक पहुंच जाएंगे, जो गंगोत्री ग्लेशियर का मुख है। यहीं से पवित्र गंगा नदी निकलती है। आप ग्लेशियर के विशाल आकार और उसमें से निकलती हुई बर्फ की धाराओं को देखकर मंत्रमुग्ध हो जाएंगे।

हालाँकि, गोमुख तक पहुँचने के लिए आपको ग्लेशियर पर चढ़ना नहीं चाहिए क्योंकि यह खतरनाक हो सकता है। आप सुरक्षित दूरी से ही ग्लेशियर का نظारा ले सकते हैं। गोमुख में कुछ समय बिताने के बाद, आप वापसी की यात्रा शुरू कर सकते हैं। आप भोजवासा से चीड़बासा और फिर गंगोत्री वापस जा सकते हैं।

गंगोत्री और गोमुख की एक साहसिक एवं चुनौतीपूर्ण ट्रेक पर यात्रा

गंगोत्री और गोमुख ग्लेशियर यात्रा के दौरान ठहरने की व्यवस्था

गंगोत्री और गोमुख ग्लेशियर यात्रा के दौरान ठहरने के लिए कई विकल्प उपलब्ध हैं। आप अपनी आवश्यकताओं और बजट के अनुसार इनमें से कोई भी विकल्प चुन सकते हैं:

  • टेंट: चीड़बासा और भोजवासा में टेंट में रहना सबसे आम विकल्प है। ये टेंट आमतौर पर ट्रेकिंग कंपनियों द्वारा प्रदान किए जाते हैं। टेंट आवास आमतौर पर कम बजट का होता है, लेकिन बुनियादी सुविधाएँ ही प्रदान करता है।
  • लॉज : चीड़बासा और भोजवासा में कुछ लॉज भी उपलब्ध हैं। ये लॉज टेंट की तुलना में अधिक आरामदायक होते हैं और बुनियादी सुविधाओं जैसे बिस्तर, कंबल और शौचालय प्रदान करते हैं। हालांकि, लॉज आवास टेंट की तुलना में अधिक महंगा हो सकता है।
  • धर्मशालाएँ : गंगोत्री में कुछ धर्मशालाएँ भी हैं जो यात्रियों को आवास प्रदान करती हैं। ये धर्मशालाएँ आमतौर पर सरल आवास प्रदान करती हैं, लेकिन वे टेंट या लॉज की तुलना में अधिक किफायती हो सकती हैं।

आप अपनी यात्रा की योजना बनाते समय पहले से ही ठहरने की व्यवस्था कर लें। ट्रेकिंग सीज़न के दौरान टेंट और लॉज जल्दी भर सकते हैं। आप किसी प्रतिष्ठित ट्रेकिंग कंपनी के माध्यम से ट्रेक बुक कर सकते हैं, जो आपको आवास सहित सभी व्यवस्थाओं का ध्यान रखेगी।

गंगोत्री और गोमुख ग्लेशियर यात्रा के दौरान खाने की व्यवस्था

गंगोत्री और गोमुख ग्लेशियर यात्रा के दौरान भोजन के कई विकल्प उपलब्ध नहीं होते हैं। आपको अपने साथ पर्याप्त मात्रा में भोजन और स्नैक्स ले जाने की आवश्यकता होगी। आप गंगोत्री में कुछ दुकानों से खाने का सामान खरीद सकते हैं। हालांकि, ऊंचाई बढ़ने के साथ विकल्प कम हो जाते हैं।

यहाँ कुछ खाद्य पदार्थों की सूची दी गई है जिन्हें आप अपने साथ ले जा सकते हैं:

  • सूखे मेवे (ड्राई फ्रूट्स)
  • चॉकलेट
  • ऊर्जा बार (एनर्जी बार)
  • बिस्कुट
  • डिब्बाबंद खाद्य पदार्थ (कैन्ड फूड)
  • नूडल्स
  • ओट्स

आप अपने साथ पानी की बोतल भी ले जाएं और रास्ते में मिलने वाली प्राकृतिक झरनों से पानी भरते रहें। हालांकि, यह सुनिश्चित कर लें कि आप बोतलबंद पानी पीते हैं या प्राकृतिक जल स्रोतों से प्राप्त पानी को उबालकर ही पीते हैं।

ट्रेकिंग कंपनियां आमतौर पर भोजन का इंतजाम भी करती हैं। यदि आप किसी ट्रेकिंग कंपनी के माध्यम से यात्रा कर रहे हैं, तो आपको भोजन के बारे में चिंता करने की आवश्यकता नहीं होगी।

गंगोत्री और गोमुख की एक साहसिक एवं चुनौतीपूर्ण ट्रेक पर यात्रा

गंगोत्री और गोमुख ग्लेशियर यात्रा के दौरान सुरक्षा संबंधी सावधानियां

गंगोत्री और गोमुख ग्लेशियर यात्रा एक रोमांचक अनुभव है, लेकिन यह एक चुनौतीपूर्ण ट्रेक भी है। अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कुछ सावधानियां बरतना आवश्यक है।

यहाँ कुछ महत्वपूर्ण सुरक्षा युक्तियाँ दी गई हैं:

  • एक अनुभवी गाइड के साथ यात्रा करें: हिमालय के ऊंचे इलाकों में मौसम अप्रत्याशित रूप से बदल सकता है। एक अनुभवी गाइड आपको रास्ते में मार्गदर्शन कर सकता है और किसी भी आपात स्थिति को संभालने में आपकी मदद कर सकता है।
  • अपनी शारीरिक क्षमता का आकलन करें: यह ट्रेक मध्यम से कठिन श्रेणी में आता है। सुनिश्चित करें कि आप शारीरिक रूप से फिट हैं और इस ट्रेक को पूरा करने के लिए तैयार हैं।
  • गर्म कपड़े साथ रखें: हिमालय के ऊंचे इलाकों में तापमान तेजी से गिर सकता है। गर्म कपड़े, टोपी, दस्ताने और थर्मल इनरवियर साथ ले जाएं।
  • पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं: ट्रेकिंग के दौरान डिहाइड्रेशन का खतरा रहता है। नियमित रूप से पानी पीते रहें और अपने शरीर को हाइड्रेट रखें।
  • सनस्क्रीन और टोपी का प्रयोग करें: ऊंचाई पर सूरज की किरणें अधिक तेज होती हैं। सनस्क्रीन लगाएं और टोपी पहनकर खुद को सूरज की हानिकारक किरणों से बचाएं।
  • अपने कचरे का निपटान जिम्मेदारी से करें: पहाड़ों को साफ रखें। अपने साथ एक छोटा कचरा पात्र ले जाएं और अपने कचरे को वापस लाएं।
  • जंगली जानवरों से सावधान रहें: हिमालय क्षेत्र में जंगली जानवर पाए जा सकते हैं। अपने गाइड के निर्देशों का पालन करें और जंगली जानवरों के बहुत करीब न जाएं।
  • अपनी दवाइयां साथ रखें: अपने साथ प्राथमिक चिकित्सा किट और किसी भी आवश्यक दवाइयां ले जाएं।
  • अपने मोबाइल फोन को चार्ज रखें: आपात स्थिति में संपर्क करने के लिए अपने मोबाइल फोन को चार्ज रखें। आप एक पावर बैंक साथ ले जा सकते हैं।
  • मौसम की जानकारी लें: यात्रा पर निकलने से पहले मौसम की जानकारी प्राप्त कर लें। खराब मौसम की स्थिति में ट्रेक को स्थगित करने में संकोच न करें।
  • अपनी सीमाओं को जानें: अपनी शारीरिक क्षमता को पार न करें। यदि आप थकान महसूस कर रहे हैं, तो आराम करें।

इन सावधानियों का पालन करके आप गंगोत्री और गोमुख ग्लेशियर यात्रा को सुरक्षित और सुखद बना सकते हैं।

गंगोत्री और गोमुख ग्लेशियर यात्रा की लागत

गंगोत्री और गोमुख ग्लेशियर यात्रा की लागत कई कारकों पर निर्भर करती है, जैसे कि परिवहन, आवास, भोजन, गाइड शुल्क और परमिट शुल्क। आम तौर पर, लागत लगभग ₹10,000 से ₹20,000 के बीच हो सकती है।

यदि आप किसी ट्रेकिंग कंपनी के माध्यम से यात्रा कर रहे हैं, तो वे आपको एक पैकेज ऑफर कर सकती हैं जिसमें परिवहन, आवास, भोजन, गाइड शुल्क और परमिट शुल्क सभी शामिल होंगे। यह विकल्प अधिक सुविधाजनक हो सकता है, लेकिन यह आम तौर पर अधिक महंगा भी होगा।

यदि आप स्वयं यात्रा की व्यवस्था कर रहे हैं, तो आप लागत को कम कर सकते हैं। हालांकि, आपको परिवहन, आवास और भोजन की व्यवस्था खुद करनी होगी, और आपको परमिट प्राप्त करने के लिए स्वयं वन विभाग के कार्यालय जाना होगा।

गंगोत्री और गोमुख ग्लेशियर यात्रा के सुझाव

कुछ अतिरिक्त सुझाव जो आपकी गंगोत्री और गोमुख ग्लेशियर यात्रा को और भी यादगार बना सकते हैं:

  • हल्का पैक करें: आपको लंबी दूरी तक ट्रेक करना होगा, इसलिए केवल उन्हीं चीजों को पैक करें जिनकी आपको वास्तव में आवश्यकता होगी। भारी बैग ले जाने से बचें।
  • आरामदायक जूते पहनें: ट्रेकिंग के लिए अच्छे जूते बहुत महत्वपूर्ण हैं। ऐसे ट्रेकिंग जूते चुनें जो टिकाऊ हों, टखने तक का सहारा दें और जलरोधी हों।
  • पहाड़ों का सम्मान करें: पहाड़ नाजुक पारिस्थितिकी तंत्र हैं। अपने कचरे का निपटान जिम्मेदारी से करें और प्लास्टिक के उपयोग से बचें।
  • स्थानीय लोगों के साथ बातचीत करें: स्थानीय लोगों से बातचीत करने का प्रयास करें और उनके रिवाजों और संस्कृति के बारे में जानें।
  • फोटोग्राफी का आनंद लें: हिमालय की खूबसूरती को कैमरे में कैद करें। यादगार तस्वीरें लेने के लिए अपने कैमरे को चार्ज रखें।
  • अपने अनुभवों को साझा करें: यात्रा के बाद, अपने अनुभवों को दूसरों के साथ साझा करें। इससे प्रेरित होकर अन्य लोग भी इस रोमांचक यात्रा पर निकल सकते हैं।
  • जिम्मेदार पर्यटक बनें: पर्यावरण को सुरक्षित रखें और स्थानीय अर्थव्यवस्था को समर्थन दें। स्थानीय दुकानों से खरीदारी करें और होमस्टे में रहने पर विचार करें।

गंगोत्री और गोमुख ग्लेशियर यात्रा एक अविस्मरणीय अनुभव हो सकती है। यह यात्रा आपको न केवल शारीरिक चुनौती देगी बल्कि आपको प्रकृति की भव्यता और आध्यात्मिक शांति का अनुभव भी कराएगी। इन सुझावों को ध्यान में रखते हुए, आप अपनी यात्रा को सुरक्षित, सुखद और यादगार बना सकते हैं।

निष्कर्ष

गंगोत्री और गोमुख की एक साहसिक एवं चुनौतीपूर्ण ट्रेक पर यात्रा साहसी यात्रियों के लिए एकदम सही साहसिक कार्य है। यह यात्रा आपको हिमालय की ऊंचाइयों पर ले जाती है, जहाँ आप प्रकृति की शक्ति और सुंदरता का अनुभव कर सकते हैं। हालाँकि, यह ट्रेक चुनौतीपूर्ण भी है और इसके लिए अच्छी तैयारी की आवश्यकता होती है। इस लेख में दी गई जानकारी से आपको गंगोत्री और गोमुख ग्लेशियर यात्रा की योजना बनाने में मदद मिलेगी। सुरक्षित रहें, आनंद लें और हिमालय के जादू का अनुभव करें!

गंगोत्री और गोमुख ट्रेक कितना लंबा है?

गंगोत्री और गोमुख ट्रेक की कुल लंबाई लगभग 18 किलोमीटर है। इसमें गंगोत्री से गोमुख तक 14 किलोमीटर की चढ़ाई और गोमुख से वापस गंगोत्री तक 4 किलोमीटर की उतराई शामिल है।

गंगोत्री और गोमुख ट्रेक कितना कठिन है?

गंगोत्री और गोमुख ट्रेक एक मध्यम से कठिन ट्रेक है। इसमें ऊंचाई में तीव्र वृद्धि और कुछ खड़ी चढ़ाई शामिल है। ट्रेक के लिए अच्छी शारीरिक फिटनेस और अनुभव की आवश्यकता होती है।

गंगोत्री और गोमुख ट्रेक के लिए सबसे अच्छा समय कौन सा है?

गंगोत्री और गोमुख ट्रेक के लिए सबसे अच्छा समय मई से अक्टूबर तक है। इन महीनों में मौसम सुखद होता है और तापमान अनुकूल होता है।

गंगोत्री और गोमुख ट्रेक के लिए क्या अनुमति चाहिए?

गंगोत्री और गोमुख ट्रेक के लिए आपको वन विभाग से अनुमति प्राप्त करनी होगी। आप ऑनलाइन या गंगोत्री में वन कार्यालय से अनुमति प्राप्त कर सकते हैं।

गंगोत्री और गोमुख ट्रेक में कहाँ रुकना है?

गंगोत्री और गोमुख ट्रेक में कई जगहों पर रुकने के लिए जगहें हैं। आप टेंट, धर्मशाला या गेस्ट हाउस में रुक सकते हैं।

क्या गंगोत्री और गोमुख ट्रेक के दौरान स्नान करने की कोई सुविधा है?

गंगोत्री और गोमुख ट्रेक में स्नान करने की सुविधाएं सीमित हैं। आप गर्म झरनों के पास या नदियों में स्नान करने का अवसर तलाश सकते हैं, लेकिन पानी ठंडा हो सकता है। गीले तौलिये से नहाने या कम मात्रा में पानी का उपयोग करने के लिए तैयार रहें।

Spread the love

Hello friends, my name is Raveesh Tandon, I am the Writer and Founder of this blog and share all the information related to News and Technology through this website