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मनाली: हिमालय की गोद में स्वर्ग – 12 कारण जो आपको यहाँ आने के लिए मजबूर करेंगे

Table of Contents

आइए, इस लेख में हम मनाली: हिमालय की गोद में स्वर्ग की यात्रा पर निकलते हैं, इसकी लुभावनी सुंदरता, रोमांचकारी गतिविधियों, समृद्ध संस्कृति और आकर्षक स्थलों को explore करते हैं।बर्फ से ढके पहाड़, घने जंगल, रोमांचकारी गतिविधियाँ और समृद्ध संस्कृति, मनाली में सब कुछ है जो एक यादगार छुट्टी के लिए चाहिए।

मनाली: हिमालय की गोद में स्वर्ग और हिमाचल प्रदेश का रत्न

हिमालय की तलहटी में बसा मनाली, हिमाचल प्रदेश के सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में से एक है। यह कुल्लू घाटी में लगभग 2050 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। मनाली को अक्सर “देवताओं का स्थान” या “हिमालय की रानी” के रूप में जाना जाता है।

मनाली: हिमालय की गोद में स्वर्ग

रोहतांग दर्रे का प्रवेश द्वार

मनाली रोहतांग दर्रे का प्रवेश द्वार है, जो 3980 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। यह दर्रा मनाली और लाहौल और स्पीति घाटियों के बीच का महत्वपूर्ण मार्ग है। हालांकि, यह दर्रा सर्दियों में भारी बर्फबारी के कारण बंद रहता है।

साहसी और प्रकृति प्रेमियों का स्वर्ग

मनाली उन लोगों के लिए स्वर्ग है जो रोमांच पसंद करते हैं और प्रकृति की गोद में खो जाना चाहते हैं। बर्फ से ढकी चोटियों पर स्कीइंग करने से लेकर घने जंगलों में ट्रैकिंग करने तक, मनाली में हर किसी के लिए कुछ न कुछ रोमांचकारी गतिविधि है।

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प्रकृति प्रेमी मनाली की लुभावनी सुंदरता में खो सकते हैं। बर्फ से ढके पहाड़ों, घने जंगलों, हरे-भरे घाटियों और ब्यास नदी की कलकल धारा का नजारा मन को मोह लेता है।

मनाली: हिमालय की गोद में स्वर्ग

मनाली की बर्फ से ढकी चोटियाँ:मनाली की भव्यता

मनाली की खूबसूरती का वर्णन करने के लिए शब्द कम पड़ जाते हैं। आइए, इसकी कुछ प्रमुख विशेषताओं पर एक नजर डालते हैं:

बर्फ से ढकी चोटियाँ

मनाली की सबसे खास विशेषता इसकी बर्फ से ढकी ऊंची चोटियाँ हैं। ये चोटियाँ साल भर बर्फ की चादर ओढ़े रहती हैं, जो सूर्य की किरणों में चमकती हुई एक अदभुद नजारा पेश करती हैं।

कुछ प्रसिद्ध चोटियों में शामिल हैं:

  • देओ टिब्बा (Deo Tibba): यह हिमाचल प्रदेश की सबसे ऊंची चोटी है, जिसकी ऊंचाई लगभग 6000 मीटर है।
  • रोहतांग दर्रा (Rohtang Pass): यह दर्रा भी बर्फ से ढका रहता है, और सर्दियों में भारी बर्फबारी के कारण बंद हो जाता है।
  • हमीरपुर हिमालय (Hamirpur Himalaya): यह पर्वतमाला मनाली के आसपास फैली हुई है और कई खूबसूरत चोटियों को समेटे हुए है।
मनाली: हिमालय की गोद में स्वर्ग

ब्यास नदी की कलकल धारा

बर्फ से ढली चोटियों के पिघलने से निकलने वाली ब्यास नदी मनाली के बीचों बीच से होकर बहती है। यह नदी अपनी कलकल धारा और साफ पानी के लिए जानी जाती है। आप नदी के किनारे बैठकर प्रकृति की खूबसूरती का आनंद ले सकते हैं या फिर रिवर राफ्टिंग जैसी रोमांचकारी गतिविधियों में भाग ले सकते हैं।

हरे-भरे घाटियों का आलिंगन

बर्फ से ढके पहाड़ों के नीचे हरे-भरे घाटियों का आलिंगन मनाली की खूबसूरती को और भी बढ़ा देता है। ये घाटियाँ देवदार, चीड़ और बांज जैसे पेड़ों से ढकी हुई हैं। आप इन घाटियों में घूमने जा सकते हैं, पिकनिक मना सकते हैं या फिर घुड़सवारी कर सकते हैं।

सेब के बागों की मिठास

हिमाचल प्रदेश सेब के उत्पादन के लिए प्रसिद्ध है, और मनाली में भी आपको कई सेब के बाग देखने को मिलेंगे। वसंत ऋतु में जब सेब के पेड़ों पर फूल मनाली की खूबसूरती को और भी बढ़ा देता है.

रोमांचकारी गतिविधियाँ

मनाली सिर्फ खूबसूरत जगह ही नहीं है, बल्कि रोमांच पसंद करने वालों के लिए भी स्वर्ग है। यहां आप कई तरह की रोमांचकारी गतिविधियों का मजा ले सकते हैं।

स्कीइंग और स्नोबोर्डिंग

मनाली भारत के सबसे लोकप्रिय स्कीइंग डेस्टिनेशन में से एक है। यहां रोहतांग दर्रे के पास Solang Valley में एशिया का सबसे ऊंचा नेचुरल स्कीइंग ट्रैक है। नवंबर से फरवरी के महीनों में जब भारी बर्फबारी होती है, तब स्कीइंग के लिए सबसे उपयुक्त समय होता है। यदि आप स्कीइंग के शुरुआती हैं, तो यहां प्रशिक्षित प्रशिक्षक भी उपलब्ध हैं जो आपको स्कीइंग सीखने में मदद कर सकते हैं।

स्नोबोर्डिंग भी रोहतांग में एक लोकप्रिय शीतकालीन खेल है। इसमें आप एक स्नोबोर्ड पर खड़े होकर बर्फ पर फिसलते हैं। हालांकि, स्नोबोर्डिंग स्कीइंग की तुलना में थोड़ा अधिक कठिन है।

माउंटेन बाइकिंग और ट्रैकिंग

बर्फ से ढके पहाड़ों और हरे-भरे घाटियों के बीच माउंटेन बाइकिंग का आनंद लेना एक यादगार अनुभव हो सकता है। मनाली में कई ट्रेल्स हैं जो विभिन्न कठिनाई स्तरों के लिए उपयुक्त हैं। आप चाहे तो आसान घाटी ट्रेल्स चुन सकते हैं या फिर चुनौतीपूर्ण पहाड़ी ट्रेल्स का सामना कर सकते हैं।

ट्रैकिंग प्रेमियों के लिए भी मनाली कई विकल्प प्रदान करता है। यहां कई ट्रैकिंग रास्ते हैं जो आपको हिमालय की खूबसूरती को करीब से देखने का मौका देते हैं। कुछ लोकप्रिय ट्रैकिंग रास्तों में शामिल हैं:

  • हिडम्बा देवी मंदिर ट्रैक: यह एक आसान ट्रैक है जो हिडम्बा देवी मंदिर तक जाता है। रास्ते में आप देवदार के जंगलों और खूबसूरत घाटियों का नजारा देख सकते हैं।
  • चंद्रखणी पास ट्रैक: यह एक मध्यम कठिनाई वाला ट्रैक है जो आपको लाहौल और स्पीति घाटी के मनोरम दृश्यों का आनंद लेने का अवसर प्रदान करता है।
  • भृगु झील ट्रैक: यह एक कठिन ट्रैक है जो बर्फ से ढकी चोटियों और मनमोहक झीलों के बीच से होकर जाता है। ट्रैकिंग के दौरान आप रास्ते में कई तरह के फूलों और जड़ी-बूटियों को भी देख सकते हैं।

रिवर राफ्टिंग और पैराग्लाइडिंग

ब्यास नदी पर रिवर राफ्टिंग का रोमांच भी मनाली में जरूर अनुभव करें। यह गतिविधि खासकर गर्मियों के महीनों में मजेदार होती है, जब नदी का जलस्तर ऊंचा होता है। रिवर राफ्टिंग के दौरान आप नदी की रफ़्तार का आनंद ले सकते हैं और आसपास के खूबसूरत दृश्यों को निहार सकते हैं।

पैराग्लाइडिंग उन लोगों के लिए उपयुक्त है जो आसमान से मनाली की खूबसूरती को देखना चाहते हैं। इस गतिविधि में आपको एक पैराग्लाइडर पर बिठाया जाता है और हवा के सहारे उड़ाया जाता है। पैराग्लाइडिंग के दौरान सुरक्षा का पूरा ध्यान रखा जाता है, और अनुभवी प्रशिक्षक आपका मार्गदर्शन करते हैं।

मनाली की संस्कृति और परंपरा

मनाली की खूबसूरती सिर्फ इसके प्राकृतिक दृश्यों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यहां की समृद्ध संस्कृति और परंपरा भी पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती है। आइए, मनाली की संस्कृति की झलकियों पर गौर करें:

हिमाचली संस्कृति की झलक

मनाली में हिमाचली संस्कृति की स्पष्ट छाप देखने को मिलती है। यहां के लोग मेहनती, मेहमाननवाज और परंपराओं को मानने वाले होते हैं। उनकी पारंपरिक पोशाकें, लोक नृत्य और संगीत उनकी संस्कृति की खूबसूरती को बयां करते हैं।

रंगीन त्यौहार और पारंपरिक वेशभूषा

मनाली में साल भर कई तरह के रंगीन त्यौहार मनाए जाते हैं, जो यहां की संस्कृति की झलक दिखाते हैं। कुछ प्रमुख त्यौहारों में शामिल हैं:

  • कुल्लू दशहरा: यह दशहरा का एक अनूठा रूप है, जो 10 दिनों तक चलता है। इस दौरान भव्य जुलूस निकाले जाते हैं और पारंपरिक नृत्यों का आयोजन किया जाता है।
  • मिन Jar मेला: यह सर्दियों में मनाया जाने वाला एक मेला है। इसमें सर्दियों के लिए भंडारण हेतु खाद्य सामग्री का आदान-प्रदान किया जाता है। मेले में पारंपरिक खेलों और नृत्यों का भी आयोजन होता है।
  • लोहड़ी: यह फसलों के कटने का त्यौहार है, जिसे बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। लोग अलाव जलाते हैं, गीत गाते हैं और नाचते हैं।

मनाली के लोगों की पारंपरिक पोशाक भी उनकी संस्कृति को दर्शाती है। महिलाएं आमतौर पर घाघरा और चोली पहनती हैं, जो रंगीन कपड़ों और आभूषणों से सजाई जाती हैं। पुरुष कुर्ता-पायजामा या चूड़ीदार पहनते हैं।

स्वादिष्ट हिमाचली व्यंजन

मनाली की यात्रा अधूरी है बिना यहां के स्वादिष्ट हिमाचली व्यंजनों का लुत्फ उठाए। यहां के व्यंजन सरल, मसालेदार और पौष्टिक होते हैं। स्थानीय रूप से उगाई जाने वाली सब्जियां और अनाज इन व्यंजनों का मुख्य आधार होते हैं।

कुछ लोकप्रिय हिमाचली व्यंजनों में शामिल हैं:

  • सिड्डू: गेहूं के आटे से बना हुआ एक स्वादिष्ट व्यंजन, जिसे दाल या सब्जी के साथ परोसा जाता है।
  • कंगड़ी धाम: दाल, चावल, कद्दू, और अन्य सब्जियों से मिलकर बनने वाली एक पारंपरिक थाली।
  • छा गोष्ठ: दही से बना हुआ एक ठंडा पेय, जो गर्मियों के दिनों में बहुत पसंद किया जाता है।
  • सेब का सीढ़ (Siddu): हिमाचल प्रदेश का प्रसिद्ध व्यंजन, जो सेब, चीनी और मेवों से भरकर बनाया जाता है।

स्थानीय कला और हस्तशिल्प

मनाली घूमने के दौरान आप स्थानीय कला और हस्तशिल्प की दुकानों पर जाकर वहां की खूबसूरत कलाकृतियों को देख सकते हैं। ये कलाकृतियां हिमाचली संस्कृति और परंपरा को दर्शाती हैं। आप यहां ऊनी शॉल, लकड़ी की नक्काशी वाली वस्तुएं, पेंटिंग्स और धातु की मूर्तियां आदि खरीद सकते हैं। ये हस्तशिल्प न सिर्फ आपके घर की शोभा बढ़ाएंगे बल्कि यादगार उपहार भी बन सकते हैं।

मनाली घूमने का आदर्श समय

मनाली की खूबसूरती हर मौसम में अलग-अलग रूप धारण करती है। यह तय करना कि मनाली घूमने का आदर्श समय कौन सा है, आपकी पसंद और आप किन गतिविधियों का आनंद लेना चाहते हैं, इस पर निर्भर करता है। आइए, विभिन्न मौसमों में मनाली घूमने के फायदे और नुकसान देखें:

गर्मियों के महीने (March to June):

  • फायदे:
    • मौसम सुहाना होता है।
    • ट्रैकिंग और माउंटेन बाइकिंग के लिए उपयुक्त समय।
    • बर्फबारी नहीं होती, इसलिए सड़कें खुली रहती हैं।
  • नुकसान:
    • पर्यटकों की भीड़ अधिक होती है।
    • होटलों और अन्य आवासों के दाम बढ़ सकते हैं।

बरसात का मौसम (July and August):

  • फायदे:
    • कम पर्यटक होते हैं।
    • आसपास के क्षेत्रों में हरियाली देखने को मिलती है।
    • वाटरफॉल खूबसूरत दिखते हैं।
  • नुकसान:
    • भूस्खलन का खतरा रहता है।
    • कुछ ट्रैकिंग रास्ते बंद हो सकते हैं।

शरद ऋतु (September and October):

  • फायदे:
    • मौसम सुहाना और खुशनुमा होता है।
    • पर्यटकों की भीड़ कम होती है।
    • सेब के बागों में फलों का मौसम होता है।
  • नुकसान:
    • कुछ ऊंचाई वाले इलाकों में रात के समय ठंड पड़ सकती है।

सर्दियों के महीने (November to February):

  • फायदे:
    • बर्फबारी का मजा ले सकते हैं।
    • स्कीइंग और स्नोबोर्डिंग जैसी शीतकालीन खेलों का आनंद लेने के लिए उपयुक्त समय।
    • कम पर्यटक होते हैं।
  • नुकसान:
    • बहुत ठंड पड़ती है।
    • कई ट्रैकिंग रास्ते और रोहतांग दर्रा भारी बर्फबारी के कारण बंद हो जाते हैं।

मनाली कैसे पहुँचे

मनाली तक पहुंचने के लिए हवाई मार्ग, रेल मार्ग और सड़क मार्ग, तीनों विकल्प उपलब्ध हैं। आप अपनी सुविधा के अनुसार इनमें से किसी भी विकल्प को चुन सकते हैं।

हवाई मार्ग

मनाली का निकटतम हवाई अड्डा कुल्लू (Kullu) में स्थित है, जो लगभग 50 किलोमीटर दूर है। कुल्लू मनाली हवाई अड्डा (Kullu Manali Airport) (IATA कोड: KUU) दिल्ली, चंडीगढ़ और लेह से नियमित उड़ानों द्वारा जुड़ा हुआ है। हवाई अड्डे से मनाली तक पहुंचने के लिए आप टैक्सी या प्रीपेड टैक्सी सेवा का इस्तेमाल कर सकते हैं।

हवाई मार्ग मनाली पहुंचने का सबसे तेज़ विकल्प है, लेकिन यह अपेक्षाकृत महंगा भी हो सकता है। हवाई टिकटों की कीमतें मौसम और मांग के अनुसार बदलती रहती हैं।

रेल मार्ग

मनाली का निकटतम रेलवे स्टेशन लगभग 90 किलोमीटर दूर जोगिंदरनगर में स्थित है। जोगिंदरनगर दिल्ली, कालका और शिमला से रेल मार्ग द्वारा जुड़ा हुआ है। जोगिंदरनगर से मनाली तक आप टैक्सी या हिमाचल प्रदेश परिवहन निगम (HRTC) की बसों द्वारा पहुंच सकते हैं।

हालांकि रेल मार्ग अपेक्षाकृत सस्ता विकल्प है, लेकिन यात्रा का समय अधिक लग सकता है। आपको सबसे पहले ट्रेन से जोगिंदरनगर पहुंचना होगा और फिर वहां से सड़क मार्ग से मनाली जाना होगा।

सड़क मार्ग

मनाली कई प्रमुख शहरों से सड़क मार्ग द्वारा जुड़ा हुआ है। चंडीगढ़, दिल्ली, शिमला, धर्मशाला और लेह से नियमित बस सेवाएं मनाली के लिए चलती हैं। आप अपनी सुविधा के अनुसार सरकारी या निजी बसों का इस्तेमाल कर सकते हैं।

सड़क मार्ग से यात्रा करने का एक फायदा यह है कि आप रास्ते में पड़ने वाले खूबसूरत स्थानों को देख सकते हैं। हालांकि, सड़क मार्ग से यात्रा करने में समय अधिक लग सकता है, खासकर अगर आप किसी दूर के शहर से आ रहे हैं।

मनाली में रहने की व्यवस्था

मनाली में हर बजट के लिए उपयुक्त आवास विकल्प उपलब्ध हैं। आप लक्जरी होटलों से लेकर बजट होटलों, गेस्ट हाउस और होमस्टे तक में से अपनी पसंद का चुनाव कर सकते हैं।

यदि आप शानदार और आरामदायक रहने का अनुभव चाहते हैं, तो आप मनाली में कई लक्जरी होटलों में से किसी एक में ठहर सकते हैं। इन होटलों में स्पा, स्विमिंग पूल, रेस्तरां और अन्य सुविधाएं उपलब्ध हैं।

हालांकि, बजट यात्रियों के लिए भी मनाली में रहने के लिए कई किफायती विकल्प मौजूद हैं। आप बजट होटलों, गेस्ट हाउस या होमस्टे में रह सकते हैं। ये आवास विकल्प आरामदायक और किफायती दोनों हैं।

मनाली घूमने का प्लान बनाते समय आप पहले से ही अपने होटल की बुकिंग करा लें, खासकर अगर आप पीक सीजन (गर्मियों या सर्दियों) में यात्रा कर रहे हैं। ऑनलाइन पोर्टल या ट्रैवल एजेंट के माध्यम से होटल बुकिंग की जा सकती है।

मनाली के आसपास घूमने के लिए स्थान

मनाली अपने आसपास के कई खूबसूरत स्थानों के लिए भी जाना जाता है। आप मनाली घूमने के साथ-साथ इन स्थानों की सैर भी कर सकते हैं और हिमाचल प्रदेश की खूबसूरती को और करीब से अनुभव कर सकते हैं।

रोहतांग दर्रा

जैसा कि हमने पहले बताया, रोहतांग दर्रा मनाली से लगभग 3980 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। यह दर्रा मनाली और लाहौल और स्पीति घाटियों के बीच का महत्वपूर्ण मार्ग है। हालांकि, भारी बर्फबारी के कारण यह दर्रा सर्दियों में बंद हो जाता है।

यहां आप बर्फ से ढकी चोटियों का नजारा देख सकते हैं, और बर्फ में खेलने का मजा ले सकते हैं। रोहतांग दर्रे पर आप माउंटेन बाइकिंग, स्नो स्कूटरिंग और ज़ोरबिंग जैसी रोमांचकारी गतिविधियों का भी आनंद ले सकते हैं।

यहां कुछ खाने-पीने की दुकानें भी हैं, जहां आप गर्म चाय, कॉफी और स्थानीय व्यंजनों का स्वाद ले सकते हैं।

सोलंग वैली

मनाली से लगभग 13 किलोमीटर दूर सोलंग वैली स्थित है, जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता और रोमांचकारी गतिविधियों के लिए प्रसिद्ध है। यहां आप हरे-भरे घास के मैदानों, बर्फ से ढकी चोटियों और देवदार के जंगलों का मनमोहक नजारा देख सकते हैं।

सोलंग वैली शीतकालीन खेलों का भी प्रमुख केंद्र है। नवंबर से फरवरी के महीनों में यहां स्कीइंग और स्नोबोर्डिंग के लिए उपयुक्त परिस्थितियां होती हैं। यदि आप स्कीइंग या स्नोबोर्डिंग करना सीखना चाहते हैं, तो यहां कई प्रशिक्षित प्रशिक्षक उपलब्ध हैं।

गर्मियों के महीनों में आप सोलंग वैली में पैराग्लाइडिंग, पैरासेलिंग और ज़िपलाइन जैसी रोमांचकारी गतिविधियों का भी आनंद ले सकते हैं। इसके अलावा, घुड़सवारी और माउंटेन बाइकिंग का मजा भी लिया जा सकता है।

वशिष्ठ मंदिर

मनाली से लगभग 3 किलोमीटर दूर वशिष्ठ मंदिर स्थित है, जो हिमाचल प्रदेश के सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है। यह मंदिर ऋषि वशिष्ठ को समर्पित है, जो हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण ऋषि माने जाते हैं।

मंदिर परिसर में गर्म पानी के कुंड हैं, जिनके बारे में माना जाता है कि इनमें औषधीय गुण होते हैं। आप इन कुंडों में स्नान करके थकान मिटा सकते हैं। मंदिर के पास ही प्राकृतिक रूप से गर्म पानी का एक कुंड भी है, जहां आप स्नान कर सकते हैं।

मंदिर परिसर में ही आपको कई छोटी दुकानें भी मिलेंगी, जहां आप पूजा का सामान, ऊनी कपड़े, हस्तशिल्प और स्थानीय स्मृति चिन्ह खरीद सकते हैं।

हिडम्बा देवी मंदिर

मनाली से लगभग 1.5 किलोमीटर दूर हिडम्बा देवी मंदिर स्थित है, जो हिमाचल प्रदेश के सबसे महत्वपूर्ण मंदिरों में से एक है। यह मंदिर महाभारत की पात्र हिडम्बा देवी को समर्पित है।

मंदिर की वास्तुकला काफी खास है। मंदिर चार मंजिला इमारत है, जिसकी छत लकड़ी से बनी हुई है। मंदिर के अंदर हिडम्बा देवी की एक विशाल प्रतिमा स्थापित है।

मंदिर तक पहुंचने के लिए आपको देवदार के जंगलों से होकर गुजरना होगा, जो अपने आप में एक सुखद अनुभव है। मंदिर के पास ही एक छोटा सा बाजार भी लगता है, जहां आप स्थानीय हस्तशिल्प और स्मृति चिन्ह खरीद सकते हैं।

कुल्लू

मनाली से लगभग 40 किलोमीटर दूर कुल्लू शहर स्थित है, जो कुल्लू जिले का मुख्यालय है।

कुल्लू अपनी प्राकृतिक सुंदरता, मंदिरों, सेब के बागों और हस्तशिल्प के लिए प्रसिद्ध है। यहां आप कई रोमांचकारी गतिविधियों का भी आनंद ले सकते हैं, जैसे कि रिवर राफ्टिंग, पैराग्लाइडिंग और माउंटेन बाइकिंग।

कुल्लू घूमने के लिए कुछ प्रमुख स्थानों में शामिल हैं:

  • कुल्लू वैली: कुल्लू घाटी अपनी हरी-भरी पहाड़ियों, देवदार के जंगलों और ब्यास नदी के लिए जानी जाती है। आप यहां घूमने के साथ-साथ रिवर राफ्टिंग का रोमांच भी अनुभव कर सकते हैं।
  • अगु ट्रिब्यूटरी (Aghan Triburty): यह कुल्लू के पास एक खूबसूरत स्थान है, जहां आप प्राकृतिक पूलों में स्नान कर सकते हैं।
  • इंटरनेशनल नेहरू इंस्टीट्यूट ऑफ बुद्धिस्ट स्टडीज: यह संस्थान बौद्ध धर्म के अध्ययन के लिए समर्पित है। यहां परिसर में शांति स्तूप भी स्थित है, जो बौद्ध धर्म के प्रतीकों में से एक है।
  • नेहरू कुंड : यह कुंड भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की याद में बनाया गया है।

मनाली घूमने का बजट

मनाली घूमने का बजट आपकी यात्रा शैली, रहने की व्यवस्था, खाने-पीने के खर्च और चुनी गई गतिविधियों पर निर्भर करता है।

यदि आप बजट यात्रा की योजना बना रहे हैं, तो आप सरकारी या निजी बसों द्वारा मनाली पहुंच सकते हैं। बजट होटलों, गेस्ट हाउस या होमस्टे में रह सकते हैं। स्थानीय भोजनालयों में खाना खा सकते हैं और कम खर्चीली गतिविधियों का चयन कर सकते हैं। इस तरह से आप 5 दिन की मनाली यात्रा का बजट ₹15,000 से ₹20,000 के बीच में रख सकते हैं।

वहीं, अगर आप आरामदायक यात्रा का अनुभव लेना चाहते हैं, तो आप हवाई जहाज से मनाली आ सकते हैं। लक्जरी होटलों में रह सकते हैं, रेस्तरां में खाना खा सकते हैं और रोमांचकारी गतिविधियों का आनंद ले सकते हैं। इस तरह की यात्रा का बजट ₹30,000 से ₹50,000 या उससे अधिक भी हो सकता है।

मनाली घूमने जाते समय कुछ महत्वपूर्ण बातें

  • मनाली घूमने जाने से पहले मौसम की जानकारी जरूर लें। खासकर अगर आप सर्दियों में यात्रा कर रहे हैं, तो गर्म कपड़े साथ ले जाएं।
  • ऊंचाई वाले क्षेत्रों में जाने के लिए खुद को शारीरिक और मानसिक रूप से तैयार करें।
  • सूर्य की किरणों से बचने के लिए सनस्क्रीन, लोशन, चश्मा और टोपी साथ रखें।
  • पर्यावरण का ध्यान रखें। प्लास्टिक का कम से कम उपयोग करें और कूड़े को इधर-उधर न फेंके।
  • मोलभाव करना न भूलें, खासकर अगर आप सड़क किनारे की दुकानों से सामान खरीद रहे हैं।
  • स्थानीय लोगों का सम्मान करें और उनकी संस्कृति को समझें।

मनाली की अनोखी चीजें

मनाली सिर्फ घूमने और खाने की जगह ही नहीं है, बल्कि यहां आपको कुछ अनोखे अनुभव भी हो सकते हैं, जो आपकी यात्रा को और भी यादगार बना देंगे। आइए, मनाली की कुछ अनोखी चीजों पर नजर डालते हैं:

  • स्थानीय उत्सवों में भाग लेना: मनाली साल भर कई तरह के रंगीन त्यौहारों को मनाता है। कुल्लू दशहरा, मिन जार मेला और लोहड़ी जैसे त्यौहारों में भाग लेकर आप हिमाचली संस्कृति को करीब से अनुभव कर सकते हैं। पारंपरिक वेशभूषाधारी लोग, लोक नृत्य और स्वादिष्ट व्यंजन इन त्यौहारों की खासियत होते हैं।
  • गांवों की सैर करना: मनाली के आसपास कई खूबसूरत गांव हैं, जहां आप शहरी जीवन की चहल-पहल से दूर शांति का अनुभव कर सकते हैं। इन गांवों में घूमते हुए आप प्राकृतिक सुंदरता का आनंद ले सकते हैं, स्थानीय लोगों से बातचीत कर सकते हैं और उनकी जीवनशैली को समझ सकते हैं। कुछ प्रसिद्ध गांवों में शामिल हैं:
    • शेली गांव: यह गांव सेब के बागों और पहाड़ों के बीच स्थित है। यहां आप पारंपरिक हिमाचली घरों को देख सकते हैं और स्थानीय खाने का लुत्फ उठा सकते हैं।
    • वशिष्ठ गांव: यह गांव अपने प्राकृतिक गर्म पानी के कुंडों के लिए प्रसिद्ध है। यहां आप स्नान करके थकान मिटा सकते हैं।
    • रोहतांग गांव: यह गांव रोहतांग दर्रे के पास स्थित है। यहां से आप बर्फ से ढकी चोटियों का मनमोहक नजारा देख सकते हैं।
  • नदी किनारे कैंपिंग करना: ब्यास नदी के किनारे कैंपिंग करना मनाली में एक अनोखा अनुभव हो सकता है। आप रात में आसमान में चमकते सितारों को देख सकते हैं और प्राकृतिक वातावरण का आनंद ले सकते हैं। कई टूर ऑपरेटर नदी किनारे कैंपिंग की सुविधा प्रदान करते हैं।
  • राफ्टिंग गाइड बनना: क्या आप रोमांच पसंद करते हैं? तो मनाली में आप रिवर राफ्टिंग गाइड बनने का कोर्स कर सकते हैं। कुछ दिनों के प्रशिक्षण के बाद आप ब्यास नदी पर रिवर राफ्टिंग का नेतृत्व कर सकते हैं। यह न सिर्फ एक रोमांचकारी अनुभव होगा बल्कि इससे आप कुछ पैसे भी कमा सकते हैं।
  • स्थानीय व्यंजन बनाना सीखना: मनाली के स्वादिष्ट व्यंजनों का लुत्फ उठाने के साथ-साथ आप इन्हें बनाना भी सीख सकते हैं। कुछ होमस्टे या कुकिंग क्लासेज आयोजित करने वाले संस्थान आपको स्थानीय व्यंजन बनाने की कला सिखाते हैं। इस तरह आप वापस घर जाकर अपने परिवार और दोस्तों के लिए हिमाचली व्यंजन बना सकते हैं।

ये कुछ अनोखे अनुभव हैं, जो आप मनाली की यात्रा के दौरान प्राप्त कर सकते हैं। मनाली आने का प्लान बनाते समय इन चीजों को भी शामिल करें और अपने ट्रिप को और भी यादगार बनाएं!

मनाली में होमस्टे का क्या खर्च आता है?

मनाली में होमस्टे का खर्च प्रति व्यक्ति 500 से 1000 रुपये प्रति दिन हो सकता है।

मनाली में किराए के लिए बाइक या कार कितनी पड़ेगी?

मनाली में बाइक किराए पर लेने का खर्च लगभग 500-700 रुपये प्रति दिन हो सकता है, जबकि कार किराए पर लेने का खर्च 3000-4000 रुपये प्रति दिन हो सकता है।

मनाली में रहने के लिए कौन से इलाके अच्छे हैं?

मनाली में रहने के लिए ओल्ड मनाली, नया मनाली, कुल्लू वैली और सोलंग वैली अच्छे इलाके हैं। हर इलाके का अपना अलग माहौल है।

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वेद भारती, एक अनुभवी शिक्षाविद् भारत से हैं, जिन्होंने देश के शिक्षा क्षेत्र में अमूल्य अनुभव का संचार किया है। एक प्रतिष्ठित कॉलेज से स्नातक की डिग्री प्राप्त करने और प्रसिद्ध बोर्डिंग स्कूल नवोदय से शिक्षा प्राप्त करने के बाद, वेद भारती का सफर ज्ञान और शिक्षा के क्षेत्र में निवेश करने की निष्ठा से भरा हुआ है।शिक्षा के पारंपरिक क्षेत्र के अलावा, वेद भारती का संलग्नता उच्च गुणवत्ता वाली खबरों और लेखों की दुनिया में भी है। उनके शब्दों के माध्यम से, वह समाज में महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा को बढ़ावा देने का प्रयास करते हैं।